लव जिहाद का खतरनाक खेल: ISI जैसे आतंकी संगठन का टार्गेट होती हैं हिंदू लड़कियां

नई दिल्ली. हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में सोमवार को हुए निकिता हत्याकांड ने देश में चल रहे लव जिहाद का सनसनीखेज खुलासा किया है। मोटे-मोटे तौर पर पिछले 3-4 महीने में अकेले हरियाणा, यूपी, मप्र और दिल्ली सहित कुछ राज्यों में करीब 20 केस सामने आ चुके हैं। केरल जैसे राज्य लव जिहाद के निशाने पर हैं। एक मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, कुछ महीने पहले केरल पुलिस ने ISI ज्वाइन करने वाले 21 लोगों को पकड़ा था। इनमें आधी हिंदू महिलाएं थीं, जिनका धर्मांतरण कराया गया था। साइरो मालबार मीडिया कमीशन की रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया था कि लव जिहाद के नाम पर ईसाई लड़कियों को भी निशाना बनाया जा रहा है। अलग-अलग रिपोर्ट बताती हैं कि लव जिहाद के लिए सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर लड़कियों को फंसाया जाता है। फिर शारीरिक संबंध बनाकर उन पर शादी का दवाब बनाया जाता है। इसके बाद धर्मांतरण कराया जाता है। जानिए निकिता हत्याकांड और कुछ लव  जिहाद के कुछ अन्य मामले...
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 28, 2020 5:00 AM IST / Updated: Oct 28 2020, 03:20 PM IST

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लव जिहाद का खतरनाक खेल: ISI जैसे आतंकी संगठन का टार्गेट होती हैं हिंदू लड़कियां

जबरन धर्म बदलवाना चाहता था तौसीफ
निकिता की हत्या सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में हुई थी। वो कॉलेज से एग्जाम देकर लौट रही थी। तभी आरोपी तौसीफ अपने दोस्त के साथ पहुंचा और किडनैप में असफल होने के बाद सिर में गोली मार दी थी। इस घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। आरोपी ने 2018 में भी निकिता का किडनैप किया था। लेकिन तब इस मामले में समझौता हो गया था। निकिता लेफ्टिनेंट बनना चाहती थी। 

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तौसीफ राजनीति रसूख रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं। चाचा खुर्शीद अहमद हुड्‌डा सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं। आरोपी मेवात से कांग्रेसी विधायक आफताब आलम का चचेरा भाई बताया जा रहा है। इसके एक अन्य चाचा जावेद अहमद 2019 में सोहना से एमएलए का बीएसपी से चुनाव लड़ चुके हैं। इस मामले लव जिहाद के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है। (इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था)

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आरोपी तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ पढ़ा है। वह दोस्ती के लिए दबाव डालता था। कहा यह जा रहा है कि 2018 में तौसीफ पर निकिता के अपहरण का इल्जाम लगा था। लेकिन एक मीडिया चैनल का कहना है कि निकिता खुद उसके साथ गई थी। (घटना के बाद मृतका के परिजन)

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इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी क्राइम ब्रांच अनिल कुमार की अगुवाई में एआईटी गठित की गई है। (पुलिस गिरफ्त में आरोपी)

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इस घटना ने पूरे देश को चौंका दिया है। घटना को लेकर हरियाणा में मृतका के परिजनों के साथ लोग सड़क पर उतर आए हैं।

8 प्वाइंट मेंः निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...

- 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर सोमवार शाम 4 बजे घटना को अंजाम दिया।

- निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। बता दें, मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है।

- फरीदाबाद पुलिस की 10 टीम ने 5 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद नहीं किया था। वह लगातार कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसलिइए पुलिस के राडार से वो बच नहीं पाया।

- बता दें, तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका है।

- 3 अगस्त 2018 को तौसीफ ने 3-4 सहेलियों के साथ निकिता को जबरदस्ती कार में बैठाया था। कुछ दूरी पर सहेलियों को उतारकर निकिता को किडनैप कर ले गया था। सहेलियों और परिजनो ने पुलिस को निकिता के अपहरण की जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने 2 घंटे में उसे बरामद कर लिया था।

- पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया, घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।

- बता दें, तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं।

- निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी।

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निकिता हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी ने काम शुरू कर दिया है। बुधवार सुबह टीम उसके घर पहुंची। बता दें कि इस मामले में प्रदर्शन के बीच सीएम एसआईटी के गठन के आदेश दिए थे। बुधवार को सांसद कृष्ण पाल गुर्जर ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। 

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