पति ने छोड़ी मल्टीनेशनल कंपनी, पत्नी ने एयरहोस्टेस की जॉब...दोनों लंदन छोड़कर गांव में कर रहे खेती-किसानी

पोरबंदर, गुजरात. इस समय किसान बिल को लेकर राजनीतिक हंगामा चल रहा है। सरकार इसे किसानों की आमदनी बढ़ाने वाला बता रही है, तो विपक्ष इसके नुकसान बता रहा है। भारत कृषि प्रधान देश है। किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ऐसे में किसानों के जीवन में अच्छा बदलाव जरूरी है। हम आपको एक ऐसे युवा किसान दम्पती से मिलवा रहे हैं, जो लंदन की लग्जरी लाइफ और ऊंची नौकरी छोड़कर अपने गांव लौट आए। अब वे गांव में खेती-किसानी और पशुपालन कर रहे हैं। गांव की अपनी जिंदगी से वे न सिर्फ खुश हैं, तंदुरुस्त हैं, बल्कि पहले से ज्यादा कमा रहे हैं। यह हैं रामदे और भारती खुटी। ये पोरबंदर जिले के बेरण गांव में रहते हैं। इनका तर्क है कि लंदन में लग्जरी लाइफ होते हुए भी सुकून नहीं था। गांव में खेती-किसानी करते हुए उन्हें आनंद मिल रहा है। वहीं, पैसा भी नौकरी से ज्यादा कमा रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 23, 2020 8:00 AM IST
112
पति ने छोड़ी मल्टीनेशनल कंपनी, पत्नी ने एयरहोस्टेस की जॉब...दोनों लंदन छोड़कर गांव में कर रहे खेती-किसानी

रामदे और भारती अपना यूट्यूब चैनल ‘लाइव विलेज विथ ओम एंड फैमिली’ चलाते हैं। इससे लाखों किसान, युवा आदि जुड़े हुए हैं। यह दम्पती लोगों को खेती-किसानी और पशुपालन के तौर-तरीके बताता है। इस दम्पती को गाय-भैंस का दूध निकालते देख, चूल्हे पर रोटी बनाते देख लोग आश्चर्य करते हैं।

212

रामदे बताते हैं कि वे 2006 में नौकरी के सिलसिल में लंदन गए थे। वहां अच्छी नौकरी मिल गई। 2008 में वे भारत लौटे और उनकी शादी भारती से हुई। तब भारती राजकोट में एयरपोर्ट प्रबंधन और एयर होस्टेस का कोर्स कर रही थी। 2010 में भारती भी पढ़ाई पूरी करके रामदेव के साथ लंदन शिफ्ट हो गई। 

312

भारती बताती हैं कि उन्होंने लंदन से इंटरनेशनल टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की डिग्री पूरी की। फिर ब्रिटिश एयरवेज के हीथ्रो एयरपोर्ट से हेल्थ एंड सेफ्टी कोर्स भी पूरा किया। इसके बाद वहीं अच्छी जॉब मिल गई। दोनों वहीं सेटल होने का मन बना रहे थे। लेकिन अंदर से कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। 2014 में दम्पती के बेटे ओम का जन्म हुआ।
 

412

रामदे के बुजुर्ग माता-पिता गांव में ही रहते थे। उनके स्वास्थ्य को लेकर उन्हें अकसर चिंता होती थी। आखिरकार उनकी फिक्र और अपने गांव में ही रहकर खेती-किसानी करने की ललक दम्पती को अपने देश खींच लाई।
 

512

यह और बात है कि जब यह दम्पती गांव लौटा, तो लोगों ने हंसी उड़ाई। भारती तब ब्रिटिश एयरवेज में एक प्रशिक्षु एयर होस्टेस के रूप में कार्यरत थीं। वहीं, रामदे एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर। दम्पती 2015 में लंदन छोड़कर गांव लौट आया।

612

बेरण गांव में 200 से ज्यादा किसान परिवार रहते हैं। लेकिन वे सभी रासायनिक खाद के इस्तेमाल से खेतीबाड़ी कर रहे थे। रामदे और भारती ने उन्हें इसका नुकसान बताया और जैविक खेती की ओर अग्रसर किया। शुरुआत में तो गांववालों ने उनकी बात मानने से मना किया, लेकिन फिर जब देखा कि यह दम्पती सफल हो रहा है, तो वे उनके संग हो लिए।

712

रामदे और भारती खुद अपने खेतों को संभालते हैं। वे जैविक तरीके से मूंगफली, जीरा, धनिया, तिल, ज्वार और पशुओं के लिए चारा उगाते हैं।

812

भारती पशुओं को भी संभालती हैं। दूध दुहती हैं और उन्हें चारा-पानी डालती हैं। दम्पती का मानना है कि इससे अच्छी लाइफ और कोई नहीं हो सकती है।
 

912

रामदे और भारती ने 2017 में अपना यू-ट्यूब चैनल ‘लाइव विलेज विथ ओम एंड फैमिली’ लांच किया था। दम्पती इसके जरिये गांव की खूबसूरत जीवनशैली और खेती-किसानी-पशुपालन के बारे में बताते हैं।

1012

रामदे और भारती ने शुरू में 8 लाख रुपए का सालाना मुनाफा कमा रहे थे। अब यह बढ़कर दोगुने से ज्यादा हो गया है।

1112

यह किसान दम्पती अब अपने गांव में बहुत खुश है। उनका कहना है कि गांव से बेहतर और खेती-किसानी से अच्छा कोई काम-धंधा नहीं हो सकता है।

1212

रामदे और भारती दम्पती किसानों के लिए आदर्श बनकर सामने आए हैं।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos