ऑफिस में जलाकर मार दी गई थी महिला अफसर, बेटी को देख फट पड़ा बूढ़ी मां का कलेजा

हैदराबाद. तेलांगाना के रंगारेड्डी जिले अब्दुल्लापुरमेट की तहसीलदार चेरुकुरी विजया रेड्डी का मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपनी बेटी को आखिरी बार देखकर मां का कलेजा फट गया। कोई उनकी बेटी से इस कदर बदला लेगा, एक मां ने सपने में भी नहीं सोचा था। उल्लेखनीय है कि तहसीलदार को उसके ही दफ्तर में जिंदा जला दिया गया था। घटना सोमवार को हुई थी। हमलावर सुरेश मुदिराजू खुद भी झुलस गया था। लोगों ने उसे दफ्तर से भागते देखा था। हमलावर तहसीलदार से गुस्सा था। उसने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद अधिकारी उसके भूमि दस्तावेज में त्रुटियों को ठीक नहीं कर रहे थे। तहसीलदार के अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 6, 2019 5:51 AM IST / Updated: Nov 06 2019, 11:27 AM IST
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ऑफिस में जलाकर मार दी गई थी महिला अफसर, बेटी को देख फट पड़ा बूढ़ी मां का कलेजा
मंगलवार को जब विजया रेड्डी की अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर ले जा रहा था, तब माहौल गमगीन के साथ तनावपूर्ण भी था। लोगों में घटना को लेकर आक्रोश था। विजया रेड्डी का अंतिम संस्कार नागोल श्मशान वाटिका में सरकारी सम्मान के साथ किया गया। मुखाग्नि विजया के पति सुभाष ने दी। अंतिम यात्रा में राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
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यह था घटनाक्रम: अब्दुल्लापुरमेट दफ्तर के दूसरे कर्मचारियों ने बताया कि, तहसीलदार विजया रेड्डी (37) अपने केबिन में बैठकर काम कर रही थीं। अचानक उनके चीखने की आवाजें आने लगीं। दूसरे कर्मचारियों को झटका लगा और वह सब उस तरफ दौड़ पड़े तो देखा कि आग की ऊंची-ऊंची लपटें उठ रही थीं। लोग हैरान थे कि ऑफिस में आग कैसे लग गई? इसके बाद आग की लपटों में से उठती चीखों से भी उन्हें नहीं पता चला कि आग कैसे लगी और कौन जल रहा है। महिला कर्मचारी ने हाथ हिलाते कंगन से पहचाना कि तहसीलदार विजया रेड्डी हैं। आग में जलती रेड्डी ने मदद के लिए हाथ हिलाया। तब उन्होंने चिल्लाया मैडम-मैडम वह मदद के लिए हाथ हिला रही थीं लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह लपटों में खो गईं और मिनटों में राख हो गईं।
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पेट्रोल डालकर लगाई थी आग: कर्मचारियों ने पहले सोचा कि शायद आग की दुर्घटना का शिकार हो गई हैं लेकिन बाद में सबको पता चला कि उनपर हमला किया गया था। जैसे ही विजया रेड्डी ने अंतिम सांस ली, कर्मचारियों ने दफ्तर में लगी आग की लपटों से एक व्यक्ति को भागते देखा। हालांकि चन्द्रैया (ड्राइवर) और गुरुनाथम् (परिचारक) ने हमलावर को पकड़ने की कोशिश की। बाद में, उन्हें पता चला कि उस आदमी ने उनकी 'मैडम' पर हमला किया था और पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी।
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विजया रेड्डी के दो बच्चे हैं। इस फोटो में विजया रेड्डी अपने पति और बच्चों के संग दिखाई दे रही हैं। दम्पती के दोनों बच्चे बहुत छोटे हैं।
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