एक टीचर ऐसे भी: जो पहले खुद बनाते डस्टबिन, फिर उनको घर-घर बांटकर देते हैं अनोखी शिक्षा...

अलमोड़ा (उत्तराखंड). Happy Teachers Day 2021: 5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस, यह तारीख भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह दिन पूरे देश में टीचर्स डे के रूप में मनाया जाता है। एक शिक्षक ही जो समाज और एक राष्ट्र का भी निर्माण करता है। उसके लिए जितना महत्वपूर्ण स्कूल में बच्चों के लिए शिक्षा देना होता है। उसी तरह वह देश के नागरिकों को उनके कर्तव्य की याद दिलाकर उनका पालन भी कराते हैं। इसी मौके पर हम बता रहे हैं ऐसी ही एक अनोखे टीचर की कहानी, जो शिक्षा के रुप में खुद डस्टबिन बनाकर घर-घर जाकर बांटते हैं। पढ़िए इनकी दिलचस्प कहानी...
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 5, 2021 1:39 PM IST
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एक टीचर ऐसे भी: जो पहले खुद बनाते डस्टबिन, फिर उनको घर-घर बांटकर देते हैं अनोखी शिक्षा...

दरअसल, यह शिक्षक जमुना प्रसाद तिवारी हैं जो कि अल्मोड़ा जिले के राजकीय इंटर कालेज बटुलिया में जीव विज्ञान के टीचर हैं। जिले में उनको लोग कंटरमैन टीचर के नाम से भी जानते हैं। शिक्षक जमुना प्रसाद अपने हाथ से डस्टबिन बनाकर क्षेत्र में मुफ्त बांटते हैं।

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बता दें कि शिक्षक जमुना प्रसाद तिवारी लंबे समय से स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इस काम के लिए उन्हें 2016 में राज्यपाल पुरस्कार और 2017 में शैलेश मटियानी पुरस्कार मिल चुका है।
 

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शिक्षक जमुना प्रसाद पिछले 5 साल से स्वच्छता और पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं। वह  कॉलेज से बचे खाली समय में अपने घर पर खाली कनटेनरों को डस्टबिन बनाकर तैयार करते हैं। इसके बाद सार्वजनिक स्थानों और बाजारों में इन डस्टबिन में रखते हैं। ताकि कोई कूड़ा-कचरा ना फैलाए।

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टीचर ने इस अपने इस मुहिम में कई युवाओं को जोड़ रखा है। साथ ही कई ग्राम प्रधानों को भी जोड़ा है। जो शिक्षक तक खाली कंटेनर उपलब्ध कराते हैं। उनके साथ कई सामाजिक संस्था के लोग भी स्वच्छता की मुहिम में जुटे हुए  हैं।
 

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