बर्दवान, पश्चिम बंगाल. कोरोना वायरस ने सारी दुनिया की हालत खराब कर दी है। खासकर, गरीबों के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजार करना भारी पड़ रहा है। लेकिन दुनिया में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो तन-मन और धन से मजबूरों की मदद कर रहे हैं। इस लेडी कांस्टेबल ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो मिसाल गया है। 37 वर्षीय माहिनूर खातून के पिता पेशे से ट्रक ड्राइवर थे। उन्होंने बड़े कष्ट उठाकर बेटी को पढ़ाया। माहिनूर के पिता की उम्र इस समय 70 साल है। उनकी कॉर्डियक सर्जरी होना है। इसके लिए माहिनूर ने पाई-पाई जोड़कर पैसा इकट्ठा किया था। लेकिन जब अपनी ड्यूटी के दौरान उनका सामना ऐसे गरीबों से भी हुए, जिनके पास खाने को कुछ नहीं बचा था। यह देखकर माहिनूर इमोशनल हो गईं और उन्होंने इनके लिए कुछ करने की ठानी। पिता को जब यह बात पता चली, तो उन्होंने अपना ऑपरेशन टाल दिया और यह पैसा गरीबों की मदद के लिए दे दिया। अब माहिनूर 'सपोर्ट माहिनूर' अभियान के जरिये गरीबों को राशन मुहैया करा रही हैं।