पश्चिम सिंहभूम, झारखंड. हर व्यक्ति के पास दिमाग होता है, लेकिन उसका सदुपयोग कम लोग ही कर पाते हैं। 10वीं पास इस युवा किसान के लिए खेती-किसानी करना महंगा सौदा साबित हो रहा था। एक बार ट्रैक्टर को किराये पर बुलाकर खेती-किसानी करने पर उसे 300 से 400 रुपए खर्च करने पड़ रहे थे। एक दिन इसने दिमाग दौड़ाया और देसी जुगाड़ (desi jugaad ) से इस मिनी ट्रैक्टर (mini tractor) का निर्माण कर दिया। इससे लागत सीधे 5 गुना कम यानी 70-80 रुपए पर आ गई। कबाड़ की जुगाड़ से हाथ के सहारे चलने वाले इस मिनी ट्रैक्टर का निर्माण करने वाले देव मंजन बैठा के खेत पश्चिम सिंहभूम जिले के मनोहरपुर पोटका में हैं। यहां उनके पिता लूटना खेती-किसानी का काम संभालते हैं। उनका यह जुगाड़ लंबे समय से सुर्खियों में है। आगे पढ़िए इसी जुगाड़ गाड़ी की कहानी...