जमानेभर का कबाड़ उठाकर तैयार कर दी यह जादुई बाइक, खूबियां जानकर आप भी कहें-'ये तो गजब है'

जालंधर, पंजाब. एक बात सत्य है कि इस संसार में कोई चीज बेकार नहीं है। यह हो सकता है कि उसका कैसे इस्तेमाल करना है, यह नहीं मालूम हो। जिन चीजों को हम कबाड़ समझकर फेंक देते हैं, वे भी कई बार बड़े काम आती हैं। कई बार नई-पुरानी चीजों को भी जोड़-तोड़कर एक नया आविष्कार हो जाता है। यह सुपर बाइक ऐसे ही देसी जुगाड़ (Desi jugaad science) से बनी है। इसमें मारुति 800 का इंजन लगाया गया है। इसी वजह से इसकी गति 200 से 220 प्रति/किमी घंटा है। इस सुपर बाइक (super bike) के निर्माण में कुल 4 फोर व्हीलर और 4 बाइकों के कलपुर्जे और उनकी नई-पुरानी चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इस धांसू बाइक को नाम दिया गया है ड्रैकुला एस 800। चूंकि किसी भी गाड़ी को सरकारी मापदंडों के बजाय मॉडिफाइड करना गैर कानूनी है। इसलिए यह बाइक फिलहाल गांव में घूमती है। इसे बनाने वाले दो दोस्त  कोशिश कर रहे हैं कि उनके इस आविष्कार को अनुमति मिल जाए। इस बाइक को जन्म दिया है 18 वर्षीय दविंदर और 20 वर्षीय हरसिमरन ने। ये दोनों भोगपुर कस्बे के गहलरान गांव में रहते हैं। पिछले कई महीनों से इनका यह आविष्कार मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ  है। जानिए इस बाइक के बारे में और जानकारी...

Asianet News Hindi | Published : Oct 3, 2020 9:31 AM IST

18
जमानेभर का कबाड़ उठाकर तैयार कर दी यह जादुई बाइक, खूबियां जानकर आप भी कहें-'ये तो गजब है'

दविंदर और हरसिमरन बाइक राइडिंग को लेकर क्रेजी रहे हैं। दोनों अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हैं, लेकिन गहरे दोस्त हैं। इस बाइक को बनाने में एक महीने का समय लगा। खर्च आया करीब 2 लाख रुपए।
 

28

इस बाइक के निर्माण में मारुति 800 के इंजन के अलावा अलग-अलग बाइक के कलपुर्जे आदि इस्तेमाल किए गए हैं। जैसे- कबाड़ पड़ी बजाज पल्सर-220 से चेचिस, सस्पेंशन और हैंडलबार लिया गया। रॉयल एनफील्ड बुलेट से चेनसेट लिया गया। वहीं, इंडिकेटर्स केटीएम बाइक से। इनमें से कुछ नई..तो कुछ पुरानी चीजें हैं।

38

दविंदर और हरसिमरन बी-टेक के छात्र हैं। वे बताते हैं कि इस बाइक में टाटा एस रेडिएटर और कूलिंग फैन, जबकि स्टील फुटरेस्ट महिंद्रा बोलेरो का लगाया गया है।

48

यह बाइक 20 किमी का माइलेज देती है। यानी करीब कार के बराबर ही।

58

दविंदर सिंह बताते हैं कि उनके पास मारुति 800 पड़ी हुई थी। उसकी रिपेयरिंग पर काफी खर्चा आ रहा था। तभी उन्हें कार के इंजन से बाइक बनाने का आइडिया आया।

68

बताते हैं कि इस बाइक के लिए फंडिंग युवाओं के घरवालों ने की। हालांकि शुरुआत में उन्होंने 30-30 हजार रुपए मांगे थे, लेकिन बजट बढ़ता चला गया।
 

78

यह बाइक 400 किलो तक का वजन उठा सकती है। वहीं, यह 6 फीट लंबे लोगों के चलाने के लिए आरामदायक है।

88

दविंदर और हरसिमरन बताते हैं कि उनकी ख्वाहिश हार्ले डेविडसन बाइक खरीदने की थी। लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। बहरहाल, इस बाइक के निर्माण के लिए उन्होंने गांव की ही एक वर्कशॉप को 35 हजार रुपए महीने पर किराये पर लिया था।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos