मजदूरी करता है लाल किले पर झंडा लगाने वाला जुगराज, दादा-दादी ने रोते हुए बताई अपने पोते की पूरी कहानी

Published : Jan 28, 2021, 03:35 PM ISTUpdated : Jan 28, 2021, 03:45 PM IST

अमृतसर (पंजाब). देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरह से गणतंत्र दिवस के दिन किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा हुई, उससे पूरा देश शर्मसार हो गया है। कैसे कुछ किसान उग्र हो गए और अपना रुट बदलते हुए वो लाल किले तक पहुंच गए। इतना ही नहीं लाल किले पर धार्मिक झंडा लगा दिया गया। बता दें कि झंडा फहराने वाले शख्स की पहचान हो गई है। उसका नाम जुगराज सिंह है और वो पंजाब तरनतारन जिले के एक गांव का रहने वाला है। देहाड़ी मजदूरी करके अपना पेट पालता है। पढ़िए इस युवक की पूरी कहानी..कैसे दिल्ली तक पहुंचा...

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मजदूरी करता है लाल किले पर झंडा लगाने वाला जुगराज, दादा-दादी ने रोते हुए बताई अपने पोते की पूरी कहानी


दरअसल, 26 जनवरी की रात 10 बजे दिल्ली पुलिस झंडा फहराने वाले जुगराज के घर पहुंची थी, जहां उसके परिवार में सिर्फ बूढ़े दादा-दादी और एक बहन मिली। बताया जाता है कि पुलिस की सूचना मिलने पर जुगराज के पिता बलदेव सिंह, मां भगवंत कौर और एक बहन फरार हो गए। वहीं जुगराज का फोन भी ऑफ बता रहा है, दिल्ली पुलिस उसे पकड़ने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है। बता दें कि जुगराज 24 जनवरी अपने इलाके की ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में बैठकर दिल्ली आया हुआ था।

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जुगराज सिंह के गांव के लोगों के मुतबिक, उसके परिवार के पास सिर्फ  2 एकड़ जमीन है जिस पर वह खेती करते हैं। साथ उनपर करीब 5 लाख से ज्यादा का कर्जा भी है। जुगराज अपने ही गांव में देहाड़ी मजदूरी करता है। जानकारी में सामने आया है कि उसकी तीन बहनें हैं, जिसमें से दो की शादी हो चुकी है। गांव के लोगों ने बताया कि कुछ शरारती लोगों ने यह गलत हरकत की है, जिसके चलते जुगराज इसमें फंस गया। उन्होंने कहा की कोई भी युवक खालिस्तानी मूवमेंट के साथ संबंध नहीं  रखता है।

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जुगराज सिंह के दादा महल सिंह ने बताया कि उनके पोते को जबरन फंसाया गया है। उनके परिवार का कोई भी सदस्य कभी देश विरोधी और गैर सामाजिक गतिविधि में शामिल नहीं रहा है। हम गरीब लोग हैं, हमको इनस राजनीति से क्या लेना देना है। पोते को उकया गया होगा, तभी उसने यह कदम उठाया है।

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बता दें कि जुगराज सिंह मैट्रिक तक पढ़ा है। मैट्रिक पास  करने क बाद वो चेन्नई में जॉब करने के लिए चला गया था। जहां वो एक निजी कंपनी में नौकरी करने लगा था। हालांकि वह सिर्फ पांच महीने ही वहां रहा और अपने गांव लौट आया। यहां आकर वह मजदूरी करने लगा। (जुगराज सिंह के परिवार के लोग)

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अपने पोते के इस कारनामे के बाद जुगराज सिंह की दादी गुरचरण कौर बहुत दुखी हैं। उन्होंने बताया कि जुगराज गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला चढ़ाने की सेवा करता था। वह देश विरोधी काम नहीं कर सकता है। उसके दोस्तों ने उसे उकसाया होगा, कि तू पोल पर चढ़ जाता है, इसलिए तू यह झंडा फहरादे। मेरे पोते ने जोश में आकर ऐसा किया होगा।

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बता दें कि ट्रैक्टर परेड के नाम पर दिल्ली में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। जिसके चलते वह बिना अनुमति के विदेश नहीं जा सकते हैं। साथ ही उनके पासपोर्ट जब्त करने के आदेश जारी कर दिए  हैं। 

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