पलभर में राख का ढेर बनी 3 सहेलियां, तीनों को इतनी भयानक मौत मिली कि कमरे से बाहर तक नहीं निकल सकीं
चंडीगढ़. शहर के सेक्टर-32 के मकान नंबर 3325 में अवैध रूप से चल रही एक पीजी में शनिवार शाम करीब 4 बजे आग लग गई थी। जिसमें मौके पर 3 लड़िकयों की मौत हो गई। आग इतनी भीषण थी कि 2 लड़कियों ने पहली मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। जानकारी के मुताबिक, यह आग लैपटॉप को चार्ज करते समय शॉर्ट सर्किट से लगी थी। आग एक कमरे से शुरू से होकर तेजी से पूरे पीजी में फैल गई। फायर ब्रिगेड ने सूचना मिलने के बाद आग पर करीब 20 मिनट में काबू पा लिया था।
Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2020 6:48 AM IST / Updated: Feb 23 2020, 12:40 PM IST
हादसे में मारे जाने वाली लड़कियों की पहचान कपूरथला की रिया अरोड़ा, हिसार की मुस्कान कोटकपूरा की पाक्षी है। पुलिस को जहां रिया का शव 70% जले हालत में मिला। वहीं पाखी और रिया की डेडबॉडी मामूली जली हुई थी। जानकारी के मुताबिक, एक छात्रा की जहां झुलसने से तो 2 छात्राओं की दम घुटने से मौत हो गई। गनीमत रही कि हादसे के वक्त पीजी में ज्यादा लड़कियां नहीं थीं, अगर हादसा रात में या सुबह में होता तो बड़ा हादसा हो सकता था
जिन दो लड़कियों ने इस भीषण आग से बचने के लिए अपनी जान बचाई उनके नाम जैसमीन और फेमिना हैं। दोनों का इस समय अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि आग ने देखते ही देखते इतना विकराल रूप ले लिया कि पहली मंजिल जलकर पूरी तरह राख हो गई। हमारे पास कूदने के अलावा और कोई चारा नहीं था।
पाक्षी एसडी कॉलेज में बीबीए की छात्रा थी। जबकि रिया एक इंस्टीट्यूट में फ्रेंच लैंग्वेज की कोचिंग ले रही थी। वहीं मुस्कान भी एसडी कालेज से एमकॉम की पढ़ाई कर रही थी। हादसे के बाद तीनों का परिवार सदमे है। तीनों का शव रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
लड़कियों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहंचे। लेकिन तब तक तीनों लड़कियां दम तोड़ चुकी थीं। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दमकल की गाड़ियों को बुलाकर आग पर काबू पाया। पुलिस ने बताया कि आग काफी भीषण थी, जिस दौरान यह हादसा हुआ उस समय कई लड़कियां कॉलेज गईं थी। नहीं तो मरने वालों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती थी।
फेमिना ने बताया कि हादसे के दौरान पीजी में पाक्षी, रिया, मुस्कान और जैसमीन समेत कई लड़कियां थीं। सभी अपने-अपने काम में लगे थे। खाना खाने के बाद दोपहर में पढ़ाई करने बैठ गई। तभी अचानक से मुस्कान और पाक्षी की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। मुझे लगा कि वह मजाक कर रहीं हैं आपस में। लेकिन जब मैंने देखा तो वहां धुआं निकल रहा था और कमरे में चारों तरफ आग की लपटें निकल रही थीं। हमने उनको बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं बच सकी
पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि इस ढाई मंजिला कोठी में अवैध पीजी चलाया जा रहा था, जिसके छह कमरों में 34 लड़कियां रहती थीं। जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान करीब 14 लड़कियां वहां पर थीं। जिसमें कुछ बच्चियां शोर मचाते हुए बाहर निकलने में सफल हो गईं। जबकि 5 छत्राएं वहां फंस गई और वह चीखने लगी और धीरे-धीरे पूरे मकान में आग लग गई।
आसपास के लोगों ने बताया कि यह पीजी अवैध रूप से चलाया जा रहा था। इसका संचालन अगस्त 2018 से हो रहा था। इसमें करीब 34 छात्राएं रहती हैं। कोठी का मालिक गौरव अनेजा है, उसने नीतेश बंसल नामक व्यक्ति को किराए पर दिया था, जो यह पीजी चला रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध तरीके से चलने की शिकायत हमने पहले कई बार पुलिस को दी थी। लेकिन इस मामले कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस ने बताया कि इस कोठी में पीजी के लिए बिना शासन की अनुमति के टीनशेड लगाकर छोटे-छोटे कमरे बनाए गए हैं। इसमें बाहर निकलने का एक गेट था। पहले आग ने शेड को अपनी चपेट में लिया इसके बाद धीरे-धीरे पूरे मंजिल में आग लग गई। पुलिस ने पीजी चलाने वाले नितेश बंसल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया है।
इस आग में लाखों रुपए का सामान जलकर खाक हो गया। जिसमें लड़कियों के लैपटॉप, मोबाइल, कैश, किताबें, बेड और कई जरुरी समान जल गया।