गुरुदासपुर (पंजाब). भारतीय सेना के जवान और पंजाब की माटी का वीर सपूत रंजीत सिंह का अंतिम संस्कार उसके शहीद होने के चार दिन बाद पैतृक गांव सिद्धपुर में किया गया। इस दौरान हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला । जब शहीद पिता को उसकी 2 माह की उस बेटी ने मुखाग्नि दी जिसका चेहरा जवान देखा भी नहीं था। मासूम का यह दृश्य देखती ही हर किसी ने अपनी आंखें बंद कर लीं। पत्नी दीया ने जैसे पति के ताबूत को देखा तो वह बार-बार यही कह रही थी कि रंजीत को उसमें से बाहर निकालो नहीं तो उसका दम घुट जाएगा। मेरी बच्ची परि अपने पापा को एक बार देखना चाहती है। बस यह कहते ही वह बेसुध हो गई। बता दें कि 14 जनवरी यानी मंगलावार को कश्मीर घाटी में बर्फीले तूफान और हिमस्खलन में 4 जवान शहीद हो गए थे, उन्हीं में से एक हैं सिपाही रंजीत सिंह।