एक खटारा कार के इंजन और कई बाइकों की जुगाड़ से बना दी ये धांसू बाइक, नाम रखा-'ड्रैकुला एस 800'

जालंधर, पंजाब. जिसका दिमाग तेज दौड़ता है, वो कुछ भी कर सकता है! यह सुपर बाइक देसी जुगाड़ से जन्मी है। दो दोस्तों ने एक ऐसी बाइक का ईजाद किया है, जिसके अंदर मारुति 800 का इंजन धड़कता है। इस बाइक की गति है 200 से 220 प्रति/किमी घंटा। इस बाइक में इंजन के अलावा तीन अन्य फोर व्हीलर और 4  बाइकों के कलपुर्जे और उनकी नई-पुरानी चीजों का इस्तेमाल किया गया है। यानी 4 कारें और 4 बाइकों की जुगाड़ से इस सुपर बाइक का जन्म हुआ है। इस धांसू बाइक का नामकरण किया गया है ड्रैकुला एस 800। यह जानना जरूरी है कि किसी भी गाड़ी को मॉडिफाइड करना गैर कानूनी है। इसलिए ये युवक बाइक को अभी अपने गांव से बाहर नहीं ले जाते हैं। वे कोशिश कर रहे हैं कि उनके इस आविष्कार को अनुमति मिल जाए। इन युवाओं का मकसद सिर्फ अपने दिमाग में पक रहे आइडिया को साकार करना था। ये युवा हैं 18 वर्षीय दविंदर और 20 वर्षीय हरसिमरन दोनों भोगपुर कस्बे के गहलरान गांव में रहते हैं। जानिए इस बाइक के बारे में और जानकारी...

Asianet News Hindi | Published : Aug 17, 2020 11:17 AM IST

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एक खटारा कार के इंजन और कई बाइकों की जुगाड़ से बना दी ये धांसू  बाइक, नाम रखा-'ड्रैकुला एस 800'

दविंदर और हरसिमरन बाइक  राइडिंग को लेकर शुरू से ही क्रेजी रहे हैं। ये दोनों अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हैं, लेकिन गहरे दोस्त हैं। वे बताते हैं कि इस बाइक को बनाने में उन्हें एक महीने का समय लगा। खर्च आया करीब 2 लाख रुपए।

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दिलचस्प बात यह है कि इस बाइक के निर्माण में मारुति 800 के इंजन के अलावा अलग-अलग बाइक के कलपुर्जे आदि इस्तेमाल किए गए हैं। जैसे- कबाड़ पड़ी बजाज पल्सर-220 से चेचिस, सस्पेंशन और हैंडलबार लिया गया। रॉयल एनफील्ड बुलेट से चेनसेट लिया गया। वहीं, इंडिकेटर्स केटीएम बाइक से। इनमें से कुछ नई..तो कुछ पुरानी चीजें हैं।

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दविंदर और हरसिमरन बी-टेक के छात्र हैं। वे बताते हैं कि इस बाइक में टाटा एस रेडिएटर और कूलिंग फैन, जबकि स्टील फुटरेस्ट महिंद्रा बोलेरो का लगाया गया है। 
 

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यह बाइक 20 किमी का माइलेज देती है। यानी करीब कार के बराबर ही।

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दविंदर सिंह बताते हैं कि उनके पास मारुति 800 पड़ी हुई थी। उसकी रिपेयरिंग पर काफी खर्चा आ रहा था। तभी उन्हें कार के इंजन से बाइक बनाने का आइडिया आया।

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बताते हैं कि इस बाइक के लिए फंडिंग युवाओं के घरवालों ने की। हालांकि शुरुआत में उन्होंने 30-30 हजार रुपए मांगे थे, लेकिन बजट बढ़ता चला गया।

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यह बाइक 400 किलो तक का वजन उठा सकती है। वहीं, यह 6 फीट लंबे लोगों के चलाने के लिए आरामदायक है।


 

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दविंदर और हरसिमरन बताते हैं कि उनकी ख्वाहिश हार्ले डेविडसन बाइक खरीदने की थी। लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। बहरहाल, इस बाइक के निर्माण के लिए उन्होंने गांव की ही एक वर्कशॉप को 35 हजार रुपए महीने पर किराये पर लिया था।

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