आदित्य ने मीडिया को बताया कि 12वीं में उनके 67% मार्क्स आए थे। चूंकि वो गांव में पले-बढ़े, इसलिए अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। उन्होंने अंग्रेजी अखबार पढ़ना शुरू किए। तब पूरा अखबार पढ़ने में 6 घंटे लग जाते थे। आदित्य कहते हैं कि अंग्रेजी से डरे नहीं। हिंदी मीडियम भी कोई समस्या नहीं है। जो युवा यह सोचते हैं कि उनकी अंग्रेजी वीक है, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते, ऐसा गलत है।