दरअसल, मिल्खा सिंह ने साल 2016 में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 'वह चाहते हैं कि मेरे जीते जी कोई मेरा रिकॉर्ड तोड़े और भारतीय एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीते। ऐसा कोई खिलाड़ी भारत में हो जो मेरी इस आखिरी ख्वाहिश को पूरा करे। फिर एक बार ओलंपिक में तिरंगा लहराए। अब मैं 90 साल का हो चुका हूं, लेकिन मेरी यह अंतिम इच्छा अभी तक पूरी नहीं हुई है। मुझे मेरी जिंदगी बहुत कुछ मिला नाम, पहचान दौलत और सम्मान, लेकिन जो चाहिए था वह अब तक नहीं मिली। इस तरह फ्लाइंग सिख की यह अंतिम इच्छा अधूरी ही रह गई।