देश को गोल्ड जिताने वाला खिलाड़ी इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा, दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल रही

Published : Jul 21, 2020, 02:31 PM ISTUpdated : Jul 21, 2020, 02:32 PM IST

लुधियाना (पंजाब). कोरोना और लॉकडाउन का असर अमीर-गरीब हर वर्ग पर पड़ा है। फिर चाहे वह कोई किसान हो या इंटरनेशनल खिलाड़ी, सभी के सपने टूट गए हैं। ऐसी ही एक मार्मिक और बेबसी की काहानी पंजाब से सामने आई है। जहां देश के लिए विदेश में दो-दो गोल्ड मेडल जीतने वाला खिलाड़ी आज इतना लाचार हो गया है कि वह अपना इलाज तक नहीं करा पा रहा है। वो अपनी जान बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हो गया है।

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देश को गोल्ड जिताने वाला खिलाड़ी इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा, दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल रही


दरअसल, हम बात कर रहे हैं लुधियाना जिले के सिहाड गांव के रहने वाले राजबीर सिंह की। जिसने 4 साल पहले अमेरिका में स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स 2015 में 2 गोल्ड मेडल जीते थे। वह जब अपना देश का नाम रोशन कर भारत आया था तो राजबीर का वेलकम एक होरी की तरह हुआ था। लेकिन आज उसके पास इतने पैसे भी नहीं की वह अपना इलाज करा सके।

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बता दें कि राजबीर सिंह को साइकिलिंग अभ्यास के दौरान सिर में चोट लगने से जिंदगी पूरी तरह बदल गई, इलाज में लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन अब हालात ये है कि इलाज तो दूर परिवार रोजी रोटी के लिए मोहताज है।

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 राजबीर ने जब अमेरिका में देश का झंडा बुलंद कर भारत लौटा तो पंजाब के तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल ने सम्मानित करते हुए राजबीर को 15 लाख रुपए देने का ऐलान किया था। खिलाड़ी और उसके परिवार को लगा था कि अब हमारी जिंदगी बदल जाएगी। लेकिन सरकार की घोषणा सपना बनकर ही रह गया। ना तो उसको कोई पैसा मिला और ना ही उसके खेल के लिए कोई सुविधा।

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आखिर में फिर मजबूर होकर राजबीर सिंह अपना पेट पालने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करने लगा। एक कमरे के घर में 4 सदस्यों का उसका परिवार गुजर बसर  करने लगा। लेकिन सरकार ने उनकी कोई खबर तक नहीं ली। 

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आज एक एनजीओ राजबीर सिंह के परिवार की मदद कर रहा है, साथ ही राज्य सरकार से अपील कर रहा है कि राजबीर सिंह के परिवार की मदद की जाए। पिता रोते हुए कहते हैं कि सरकार ने जो हमारे साथ किया वह किसी के साथ ना हो। हम अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। बेटे ने जिस तरह देश का  नाम रोशन किया था, लगता था हमारे दिन बदल जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सीएम ने घोषणा करके ही रह गए।
 

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