पिता चलाते हैं हार्डवेयर की मामूली दुकान..22 साल की बेटी ने IAS बनकर सबको चौंकाया

सोलन, हिमाचल प्रदेश. लक्ष्य अगर निर्धारित है, तो सफलता मिलना तय है। बद्दी की रहने वालीं 22 वर्षीय मुस्कान जिंदगी इसका उदाहरण हैं। मुस्कान ने संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) एग्जाम को क्रेक करके अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया है। मुस्कान ने पहले ही प्रयास में पूरे देश में 87वीं रैंक हासिल की है। उनका फाइनल इंटरव्यू में दिल्ली में 28 जुलाई को हुआ था। अब मेडिकल एग्जाम के बाद उनका रिजल्ट घोषित कर दिया गया। बता दें कि मुस्कान के पिता बद्दी में हार्डवेयर की एक छोटी दुकान चलाते हैं। वहीं, मां ज्योति हाउसवाइफ हैं। मुस्कान की दो बहनें और एक भाई है। मुस्कान ने अपनी स्कूलिंग बद्दी के ही वीआर पब्लिक स्कूल से की है। इसके बाद चंडीगढ़ के एसडी कालेज से बीकॉम किया। आगे पढ़िए मुस्कान की कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Aug 4, 2020 10:49 AM IST

15
पिता चलाते हैं हार्डवेयर की मामूली दुकान..22 साल की बेटी ने IAS बनकर सबको चौंकाया

मुस्कान ने कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी। मुस्कान ने टॉप 100 में जगह बनाकर यह साबित कर दिया गया कि छोड़े शहरों की लड़कियां भी बड़े सपने रखती हैं।
 आगे पढ़िए..अंग्रेजी में फिसड्डी, 30 एग्जाम में फेल..लोग बोले-तुमसे न हो पाएगा, लेकिन पीछे नहीं हटे और अब हैं IPS

25


पढ़ाई में साधारण रहे..कई एग्जाम में फेल हुए..फिर भी हार नहीं मानने वाले ये युवा हैं संगरूर के एएसपी आदित्य। ये उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो जरा-सी असफलता से टूटकर निराश हो जाते हैं। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले आदित्य उन लोगों में से हैं, जो हर हार के बाद और मजबूत होते गए। जो युवा यह समझते हैं कि अंग्रेजी के बिना भविष्य कुछ भी नहीं, उन्हें आदित्य से सीख लेनी चाहिए। इनकी अंग्रेजी कमजोर थी। लेकिन इन्होंने हिंदी भाषा के जरिये यूपीएससी क्लियर किया और IPS बने। लेकिन इससे पहले कई असफलताओं का स्वाद चखा। बैंक, टीचर, इंजीनियर और राजस्थान प्रशासनिक सेवा आदि की करीब 30 परीक्षाओं में इन्होंने अपना टैलेंट आजमाया। लेकिन हर बार फेल हुए। यूपीएससी में भी 3 बार कोई चांस नहीं लगा। लेकिन चौथी बार सफल होकर माने। आगे पढ़िए इन्हीं की कहानी...

35

आदित्य ने मीडिया को बताया कि 12वीं में उनके 67% मार्क्स आए थे। चूंकि वो गांव में पले-बढ़े, इसलिए अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। उन्होंने अंग्रेजी अखबार पढ़ना शुरू किए। तब पूरा अखबार पढ़ने में 6 घंटे लग जाते थे। आदित्य कहते हैं कि अंग्रेजी से डरे नहीं। हिंदी मीडियम भी कोई समस्या नहीं है। जो युवा यह सोचते हैं कि उनकी अंग्रेजी वीक है, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते, ऐसा गलत है। आगे पढ़िए इन्हीं की कहानी...

45

आदित्य को पंजाब कैडर मिलने मिला और पहली पोस्टिंग संगरूर में एएसपी के रूप में हुई। आदित्य कहते हैं कि वे पिछले साल ही दिसंबर में पंजाब आए हैं। वे पंजाब के मौजूदा हालत को बदलना चाहते हैं। ड्रग्स में फंसे युवा अपने भविष्य को लेकर कुछ नहीं सोचते। आदित्य युवाओं को इस चंगुल से निकालना चाहते हैं। आगे पढ़िए इन्हीं की कहानी...

55

आदित्य बताते हैं कि जब वे लगातार एग्जाम में फेल हो रहे थे, तब दोस्तों से लेकर रिश्तेदार सब यही कहते थे कि कोई छोटी-मोटी नौकरी कर लो। लेकिन पिता और उनके टीचर ने हमेशा हौसला बढ़ाया। आदित्य कहते हैं कि जिंदगी में निगेटिविटी को हमेशा दूर रखें। कोशिशें कभी बेकार नहीं जातीं। अभी आदित्य हैदराबाद स्थित नेशनल पुलिस अकेडमी में सेकेंड फेज की ट्रेनिंग ले रहे हैं। सितंबर में वे दुबारा ड्यूटी ज्वाइन करेंगे।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos