इस सुपर मॉम से मिलिए: 22 महीने के बेटे के साथ कर दिया कमाल: पूरे प्रदेश की महिलाओं को पछाड़कर जीता खिताब

Published : Jan 07, 2023, 11:38 AM IST

जयपुर. शादी के पहले कई लड़कियों की बहुत सी हॉबीज होती है। लेकिन शादी होने के बाद घर के कामों में वह सब कुछ भूल जाती है और अपने सपनों को पूरा तक नहीं कर पाती है लेकिन राजस्थान के अजमेर जिले की रहने वाली महिला शेफाली इस मामले में सबसे अलग है। जिसने अपने बचपन के सपने को शादी के बाद पूरा किया है। इतना ही नहीं आज पूरे राजस्थान में शेफाली के चर्चे हैं।

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 इस सुपर मॉम से मिलिए: 22 महीने के बेटे के साथ कर दिया कमाल: पूरे प्रदेश की महिलाओं को पछाड़कर जीता खिताब

हाल ही में राजधानी जयपुर के एक मीडिया हाउस में हुए ग्लोरियस सुपर मॉम ट्रेडिशनल फैशन रनवे प्रोग्राम में अजमेर की रहने वाली शेफाली गर्ग ने टॉप किया है। शेफाली ने इस कार्यक्रम में अपने डेढ़ साल के बेटे पर आसीन के साथ ट्रेडिशनल हेवी ड्रेस और ज्वेलरी पहनकर किया। इसी से प्रभावित होकर उन्हें कार्यक्रम में टॉप चुना गया। 

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खिताब जीतने पर शेफाली गर्ग को फिल्म अभिनेता राज जांगिड़ ने और नीलू शर्मा ने क्राउन भी पहनाया और वोट देकर सम्मानित भी किया है। इस दौरान शेफाली ने बताया कि जैसे ही उन्हें पता चला कि ग्लोरियस सुपरमॉम ट्रेडीशन फैशन रनवे कार्यक्रम शुरू होने वाला है उन्होंने प्रैक्टिस करना शुरू कर दी।

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शेफाली ने घर में 22 साल के बेटे के साथ कई बार रिहर्सल की। रिहर्सल में सबसे मुश्किल बच्चे को बिल्कुल अपनी तरह वॉक करवाना और बॉडी लैंग्वेज को ठीक रखना था। इसके अलावा जब कभी प्रैक्टिस करती तो बच्चा रोने लगता। ऐसे में बीच-बीच में उसे संभालना भी पड़ता।

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शेफाली ने बताया कि उन्हें बचपन से ही डांसिंग और कल्चरल प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करना पसंद था। लेकिन शादी के बाद कब समय निकला कुछ पता ही नहीं चला। कुछ दिनों बाद ही बेटा भी हुआ। बेटी की परवरिश में भी काफी समय लग जाता पूर्णविराम ऐसे में कोई प्लेटफार्म नहीं मिला लेकिन जैसे ही ग्लोरियस सुपरमॉम की जानकारी मिली तो एक कदम भी पीछे नहीं हटी और तुरंत रजिस्ट्रेशन करवाया इसके बाद आज नतीजा यह हुआ कि खिताब भी जीत चुकी हूं। सफल ने बताया कि उनकी शादी 2016 में हुई थी फिलहाल वह शादी के बाद से ही एक बड़ी कंपनी आईटी डिपार्टमेंट में वर्क फ्रॉम होम की नौकरी कर रही है।

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शेफाली ने बताया कि नौकरी के साथ-साथ बच्चे को संभालना और इस प्रोग्राम के लिए तैयारी करना उनके लिए एक बेहद चुनौती भरा काम था लेकिन उनके ससुराल और परिवार वालों ने उनका पूरा साथ दिया साथ ही पति भी कंधे से कंधा मिलाकर हर एक बात पर उन्हें सपोर्ट करते जिसकी बदौलत शैफाली ने यह खिताब जीता है।

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