बच्चे को फूट-फूटकर रोता देखकर CM ने सीने से लगाया और खुद भी रोने लगे, एक हादसे ने सूने कर दिए कई घर

बूंदी, राजस्थान. जिंदगी की खुशियां कब मातम में बदल जाएं..कोई नहीं जानता। यह हादसा इसी का दिल दहलाने वाला उदाहरण है। एक हादसे ने सिर्फ 24 लोगों की जिंदगियां नहीं छीनीं, बल्कि उनसे जुड़े कई लोगों को जिंदगीभर का सदमा दे दिया है। बता दें कि 26 फरवरी को एक बस हादसे में इन लोगों की मौत हो गई थी। मामा पक्ष के ये लोग अपनी भांजी प्रीति की शादी का भात लेकर कोट से सवाई माधोपुर जा रहे थे। इसी बीच सुबह करीब 10 बजे बूंदी की मेज नदी में उनकी बस गिर गई थी। बस में 30 लोग सवार थे। मरने वालों में 10 एक ही परिवार के थे। इस हादसे के बाद स्थिति यह है कि कई घरों में चूल्हा नहीं जला। शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे, तो वहां का मंजर देखकर खुद भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। एक बच्चा उनसे लिपटकर रो पड़ा।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 29, 2020 6:23 AM IST

16
बच्चे को फूट-फूटकर रोता देखकर CM ने सीने से लगाया और खुद भी रोने लगे,  एक हादसे ने सूने कर दिए कई घर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे, तो वहां हर किसी को रोते देखकर..वे भी भावुक हो उठे। इस दौरान एक बच्चा उनसे लिपट गया। मुख्यमंत्री ने प्यार से उसके ऊपर हाथ फेरा और सीने से चिपटाकर खुद भी भावुक हो उठे। उनकी आंखें में भर आईं।
26
यह हैं दुल्हन प्रीति के पिता रमेश। बस हादसे के पहले तक उनकी आंखों में एक चमक थी। बात-बात पर चहक रहे थे, लेकिन हादसे के बाद से उनके आंसू नहीं रुके। हादसे की खबर सुनकर मानों उनके पैरों तले से जमीन ही खिसक गई थी। वे लगातार रोये जा रहे थे। बेटी की विवाह की रस्में आंसू छुपाकर पूरी करते रहे। उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी को शादी तक यह नहीं बताया था कि हादसे में किस-किसकी मौत हुई है।
36
बस हादसे में अपनी जान गंवाने वाले मुराली लाल धोबी के मोहल्ले में मानों हादसे के बाद से सन्नाटा-सा पसरा हुआ है। मुरारी लाल बसंत विहार कॉलोनी में रहते थे। उन्हें क्या मालूम था कि जिंदगी ऐसा खेल भी दिखाएगी। इस एक ही परिवार के 10 लोगों की मौत हुई है।
46
बूंदी बस हादसे के गवाह रामेश्वर मीणा ने बताया कि जब बस नदी में गिरी..तब वे वहां से महज 100 मीटर दूरी पर थे। बस नीचे गिरते ही दूर-दूर तक घायलों की चीखें सुनाई पड़ रही थीं। वे फौरन वहां दौड़े। कुछ गांववाले भी पहुंचे और घायलों को निकालने में जुट गए।
56
यह हैं अनीता। इनके पति रमेश भी इसी बस हादसे में चल बसे। उनके दोनों बच्चों 8 साल के मोहित और 6 साल की प्रीति मां से बार-बार पूछते हैं कि पापा कब आएंगे?
66
हादसे के बाद जब एक साथ 21 लोगों की अंतिम यात्रा निकली..तो देखकर लोगों का कलेजा फट पड़ा। यूं लग रहा था कि जैसे किसी महामारी ने तांडव बरपाया हो। एक साथ कई चिताएं जलते देखकर लोगों की रुलाई छूट गई। अंतिम यात्रा में शामिल लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भावुक होकर बोले-'इतना भयानक मंजर उन्होंने अपनी लाइफ में कभी नहीं देखा।'
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos