एक घर से उठीं 4 अर्थियां, शादी के 15 दिन बाद एक साथ हुआ दूल्हा दुल्हन का अंतिम संस्कार
जोधपुर, राजस्थान में दो दिन पहले हुए सड़के हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, मरने वाले सभी दो परिवार से थे। रविवार को जब एक फैमिली के 4 लोगों की एक साथ अर्थी उठी तो पूरा गांव रो पड़ा। हर किसी की आंख से आंसू छलक पड़े। सब यही कह रहे थे कि है भगवान तूने यह क्या कर डाला। कभी सोचा नहीं था कि पति-पत्नी और उनके बच्चों का एक साथ अंतिम संस्कार करना पड़ेगा। बता दें कि शनिवार सुबह 9 बजे जोधपुर जिले के शेरगढ़ मेगा हाइवे पर बोलेरो और ट्रॉले की आमने-सामने टक्कर हो गई थी। जिसमें दूल्हा-दुल्हन सहित 11 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी। यह लोग बालोतरा से रामदेवरा मंदिर दर्शन करने निकले थे। जैसे ही हादसे की खबर दोनों गांव तक पहंची तो वहां सन्नाटा छा गया हर कोई मातम मना रहा था।
Asianet News Hindi | Published : Mar 15, 2020 10:22 AM IST / Updated: Mar 15 2020, 04:38 PM IST
हादसे में नव दम्पती की भी मौत हो गई। बालोतरा के पास कानोना गांव के विक्रम की शादी 27 फरवरी को ही सीता से हुई थी। वे परंपराओं का निर्वहन करने मंदिर जा रहे थे, उसी दौरान यह एक्सीडेंट हो गया। लोग यही कह रहे हैं कि देखो तो उनका नया जीवन शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया।
हादसे की जानकारी लगते राज्य सरकार के मंत्री-विधायक और कई बड़े अफसर दोनों शोक संतप्त परिवारों को ढांढ़स बंधाने पहुंचे। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी इनके अंतिम संस्कार में भई शामिल हुए। अंत्येष्टि में शामिल होने के बाद उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
इस दिल दहलाने वाले हादसे में 4 पुरुष और 6 महिलाओं के अलावा एक बच्चे की मौत हो गई। हादसे में तीन लोग घायल हुए हैं। इन्हें जोधपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
हादसे की जानकारी लगते ही मौके पर पहंचे ग्रामीणों ने बताया कि एक्सीडेंट इतना भीषण था बोलेरो के परखच्चे उड़ गए। किसी को भी बोलेरो से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। हादसे के बाद दूर-दूर तक चीख-पुकार सुनाई पड़ी। हम लोगों ने बोलेरो में फंसे घायलों को निकालने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने क्रेन की मदद से दोनों गाड़ियों को अलग किया, तब घायलों बाहर निकला जा सका।
यह तस्वीर हादसे के आधा घंटे पहले की है। जहां सभी लोगों ने रास्ते में एक होटल पर चाय-नाश्ता किया था। होटल के बाहर परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ मोबाइल से सेल्फी भी ली। उस वक्त किसी को भी यह अंदेसा नहीं था कि यह सेल्फी ही उनकी आखिरी तस्वीर बन जाएगी।
जब परिवार के चार लोगों की एक साथ अंतिम यात्रा निकली पूरा गांव उसमें शामिल हो गया। कोई किसी से बात नहीं कर रहा था, बस सिर्फ रोए जा रहा था। आलम यह था कि जिस दिन गांव के लोगों ने हादसे की खबर सुनी तो पूरे गांव में किसी के घर भी चूल्हा नहीं जला। पूरा इलाका गमगीन हो गया।
शादी के बाद देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए सुबह 7.20 बजे घर से निकले थे। कुटुंब के लोगों ने पूरे परिवार को हंसते-खेलते विदा किया था, मात्र डेढ़ घंटे बाद ही उनकी मौत की खबर पहुंच गई।