देसी जुगाड़ से बनी गजब की साइकिल, कार के पहिये और बाइक के ब्रेक, दौड़ती है 60 की स्पीड से

सीकर, राजस्थान. यह अनिवार्य नहीं कि जिसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई-लिखाई नहीं की हो, तो वो कोई आविष्कार नहीं कर सकता। कोई नई मशीनरी बनाने के लिए दिमाग तेज दौड़ना चाहिए। अब सीकर के रहने वाले गोपाल जांगिड़ और मनीष से ही मिलिए! ये कोई मैकेनिकल इंजीनियर नहीं हैं, फिर भी देसी जुगाड़ से एक गजब साइकिल बना डाली। इस साइकिल में कार और बाइक दोनों की चीजें असेंबल की गई हैं। यह तस्वीर देखकर तो समझ ही गए होंगे कि साइकिल के पहिये किसके हैं? ये हैं कार के पहिये। इनका बेस है 24 इंच और ऊंचाई  3 फीट। करीब 4 फीट ऊंची साइकिल में पल्सर बाइक के डिस्क ब्रेक का इस्तेमाल किया गया है। यह साइकिल 60 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ती है। पढ़िए इस साइकिल की खासियत और आगे देखिए ऐसी ही कुछ अन्य साइकिलें...

Asianet News Hindi | Published : Aug 28, 2020 11:26 AM IST

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देसी जुगाड़ से बनी गजब की साइकिल, कार के पहिये और बाइक के ब्रेक, दौड़ती है 60 की स्पीड से

इस साइकिल को बनाने में करीब 1 महीने का समय लगा। इस साइकिल में स्कोडा कार के पहियों का इस्तेमाल किया गया है। चूंकि पहिये कार हैं, इसलिए ब्रेक भी बदलना जरूरी था। इसमें पल्सर बाइक के डिस्क ब्रेक यूज किए गए। साइकिल को बनाने में 3 इंच मोटे पाइप का इस्तेमाल किया गया, ताकि मजबूती बनी रहे। आगे पढ़िए इसी साइकिल के बारे में...
 

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मनीष व गोपाल जांगिड ने इस साइकिल में स्पीडोमीटर भी लगाया है, ताकि स्पीड का पता चल सके। इसमें टेल लाइट भी लगाई गई है।

आगे पढ़िए...यह है देसी जुगाड़ से बनी एकदम धांसू साइकिल, डबल चेन पर 54 किमी/घंटे की स्पीड से दौड़ती है

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जमशेदपुर, झारखंड. यह हैं चाईबासा स्थित सुपलसाई के रहने वाले 48 वर्षीय विलियम लेयांगी। विलियम का दावा है कि उनकी साइकिल आम साइकिल से तीन गुनी रफ्तार से दौड़ सकती है। जहां आम साइकिलें सामान्यतौर पर 18 किमी/घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं, वही यह साइकिल 54 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ती है। इसमें जहां दो चेन हैं, वहीं 4 कबाड़ साइकिलों से छोटे-बड़े गीयर-एक्सएल आदि निकालकर असेंबल किए गए हैं। यह साइकिल 6 गीयर पर चलती है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि विलियम सिर्फ मैट्रिक तक पढ़े हैं। पढ़ाई-लिखाई में होशियार थे, लेकिन गरीबी के कारण आगे नहीं पढ़ सके। विलियम साइकिल की मरम्मत की दुकान चलाते हैं। इसी दौरान उन्हें इस तरह की साइकिल बनाने का आइडिया आया।

आगे पढ़ें...बीकानेर की लगड़ीं, लेकिन बहुत काम की साइकिल...

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राजस्थान के बीकानेर जिले की पांचू पंचायत के सांईसर गांव के रहने वाले दो भाइयों पवन और नंदकिशोर पंचारिया ने खेत में बीज बोने यह साइकिल बनाई है। इनके पास 15 बीमा खेत हैं। लॉकडाउन काल में फ्री बैठे-बैठे उन्हें साइकिल को खेती में काम लाने लायक आइडिया आया। उन्होंने साइकिल का पिछला पहिया निकालकर उसे इस तरह तैयार किया कि उससे खेतों में बीज बोये जा सकते हैं। इससे उनका खर्चा बचा और काम भी आसान हुआ।

आगे पढ़ें... आगे पढ़े बिलासपुर में रेलवे ने बनाई अनूठी साइकिल...
 

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बिलासपुर, छत्तीसगढ़. भारतीय रेलवे ने सबसे सस्ते मॉडल यानी करीब 5 हजार रुपए वाली साइकिल को अपने के लिए बेहद काम की चीज बना दिया। साइकिल के बाद अब रेलवे ट्रैक की पेट्रोलिंग करना आसान हो गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन-बिलासपुर अब इस साइकिल का इस्तेमाल करने लगा है। बता दें कि बिलासपुर में 13 हजार ट्रैकमेंटेनर हैं। प्रत्येक करीब 5 किमी पैदल चलकर रेलवे ट्रैक की निगरानी करता है। इस साइकिल के जरिये अब वे 15 किमी तक बिना थके पेट्रोलिंग कर सकते हैं। इस जुगाड़ वाली साइकिल का नार्थ वेस्टर्न रेलवे-अजमेर पहले ही सफल प्रयोग कर चुका है। इस साइकिल का वजन महज 20 किलो है। वहीं इसकी गति 10 किमी/प्रति घंटा है।

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देसी जुगाड़ का यह मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ जिले के आमला गांव का है। यहां 9वीं क्लास के बच्चे ने लॉकडाउन में अपनी क्रियेटिविटी का सदुपयोग किया और साइकिल में ही इंजन लगाकर उसे बाइक में बदल दिया।यह है अक्षय राजपूत। इन्होंने कबाड़ी से पुरानी चैम्प गाड़ी का इंजन खरीदा। इसके बाद कुछ दिनों की मेहनत से उसे साइकिल में फिट करके बाइक का रूप दे दिया।

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