दरअसल, विकास जाखड़ ने यह आमरण अनशन अपने ही गांव जाखड़ों का बास में शुरू किया है। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश के बेरोजगारों को न्याय दिलाने के लिए कुछ दिन पहले ही सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट पद से अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। वह रीट सहित और कई सरकारी भर्तियों में हुई धांधली से इतना आहत हुए कि उन्होंने पैरामिलिट्री फोर्स की नौकरी तक छोड़ दी है।