शौर्य चक्र से सम्मानित ये कमांडर आमरण अनशन पर बैठा, राजस्थान सरकार से है दुखी..नौकरी तक से दे चुका है इस्तीफा

झुंझुनूं (राजस्थान). शौर्य चक्र से सम्मानित कमांडेट ऑफिसर और राजस्थान की माटी के वीर सपूत विकास जाखड़ ने मंगलवार को अपने जिले झुंझुनूं में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। इस आदोंलन में उनके साथ जिले ही नहीं, प्रदेश के कई युवा भी शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं। विकास सरकारी नौकरी की भर्तियों में हुई  धांधली को लेकर अशोक गहलोत सरकार खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2022 10:46 AM IST

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शौर्य चक्र से सम्मानित ये कमांडर आमरण अनशन पर बैठा, राजस्थान सरकार से है दुखी..नौकरी तक से दे चुका है इस्तीफा

दरअसल, विकास जाखड़ ने यह आमरण अनशन अपने ही गांव जाखड़ों का बास में शुरू किया है। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश के बेरोजगारों को न्याय दिलाने के लिए कुछ दिन पहले ही सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट पद से अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। वह रीट सहित और कई सरकारी भर्तियों में हुई धांधली से इतना आहत हुए कि उन्होंने पैरामिलिट्री फोर्स की नौकरी तक छोड़ दी है।

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आमरण अनशन पर बैठे विकास जाखड़ ने कहा कि कुछ सालों से राजस्थान में भर्तियों में लगातार बड़े स्तर पर घोटाले हो रहे हैं। पढ़ने वाले युवाओं का नम्बर नहीं आता है। जो लोग राजनेताओं के संपर्क में होते हैं उनकी नौकरी बड़ी आसानी से लग जाती है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका यह अनशन जारी रहेगा। जाखड़ के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने समर्थन किया है। 

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बता दें कि अशोक गहलोत सरकार से विकास जाखड़ ने जो मांगे रखी हैं। उनमें 1. रीट परीक्षा को निरस्त कर, उसे एक माह में फिर से करवाया जाए। 2.  रीट परीक्षा में हुई धांधलियों की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। 3. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जरोली को तत्काल हटाएं। 4. विधानसभा में नकल माफियाओं पर कड़े कानून लाए जाएं। 5. समयबद्ध परीक्षाएं करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जर्ज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाए। जाखड़ ने अपनी इन मागों के लिए सीएम गहलोत को एक पत्र लिखा है।  

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विकास को बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया है। उनकी बहादुरी के किस्से अपने इलाके और सेना में होते रहे हैं। जाखड़ ने 23 नवंबर 2016 में झारखंड के लातेहर जिले में नक्सलियों से मुकाबला किया था। इसमें उन्होंने सात नक्सलियों को मार गिराया था। इसी शौर्यता के कारण उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से नवाजा था। लेकिन इस वक्त वह नौकरी में हो रहीं भर्ती से बेहद दुखी हैं।

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राजस्थान की भर्ती में हो रहीं धांधलियों से विकास जाखड़ ही नहीं उनकी पत्नी भी दुखी हैं। जाखड़ की पत्नी सुमन पूनियां स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। उनका कहना है कि अगर उनके पति की मांगों पर राजस्थान सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो वह भी सरकार की कार्यप्रणाली से दुखी होकर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे देंगी।

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