दरअसल, दरअसल, दिल्ली के महरौली स्थित कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह से छड़ियां लेकर पैदल रवाना हुए मलंग और कलंदरों के दल मंगलवार को अजमेर पहुंच गया था। फिर यहां पहुंचने के बाद गरीब बुधवार शाम नवाज के चिल्ले से कलंदर व मलंगों ने अपने इस हैरतअंगेज जुलूस की शुरुआत की। जहां मलंगों की एक टोली धारदार हथियारों और नुकीली वस्तुओं से करतब पेश करते हुए चल रहे थे।