किस्मत वालों की मिलती हैं ऐसी बेटियां: 3 बहनें एक साथ बनी अफसर, पास की राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा

जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2018 परिणाम घोषित कर दिया है। जिसमें दिन रात मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों ने सफलता का परचम लहराया है। आरएएस फाइनल रिजल्ट में सबसे ज्यादा चर्चा हनुमानगढ़ जिले की रहने वाली तीन बहनों की हो रही है। जो एक साथ राज्य की प्रशासनिक परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए अफसर बन गई हैं। तीनों बेटियों साबित कर दिया है कि बेटियां बोझ नहीं, वारदान होती हैं, अगर उनकी परवरिश ठीक से की जाए तो वह हर मुकाम हतिहास रच सकती हैं। आइए जानते हैं इन बेटियों की कामयाबी की कहानी...
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2021 10:38 AM IST
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किस्मत वालों की मिलती हैं ऐसी बेटियां: 3 बहनें एक साथ बनी अफसर, पास की राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा

दरअसल, एक साथ सफलता की सीढ़ी चढ़ने वाली ये तीन बहनें रावतसर तहसील के भैरूसरी गांव में रहने वाले किसान सहदेव सहारन की बेटियां हैं। जिनके नाम रीतू, सुमन और अंशु  हैं। इस परिवार की दो बेटियां पहले से ही सरकारी नौकरी में अलग-अलग विभाग में अधिकारी हैं। बड़ी बहन मंजू का चयन 2012 में सहकारिता विभाग में हुआ, जबकि रोमा का आरएएस में 2011 में हो चुका है। 

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रीतू, सुमन और अंशु  ने एक साथ सरकारी स्कूल में पांचवीं तक पढ़ाई की हुई है। इसके बाद छठी क्लास से प्राइवेट स्कूल में आगे की पढ़ाई की। फिर तीनों ने पीएचडी भी एक साथ की और इसके बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने लगीं। यह तीनों भी अपनी दो बड़ी बहनों की तरह ही सरकारी विभाग में अफसर बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की और अंशु ने ओबीसी गर्ल्स में 31, रीतू ने 96 और सुमन ने 98वीं रैंक हासिल की है।

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 राजस्थान प्रशासनिक सेवा में तीनों बहन के चयन के बाद पूरे हनुमानगढ़ जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसान सहदेव सहारन के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। हर कोई यही कह रहा है कि आपकी बेटियों ने बता दिया है कि वह बोझ नहीं, वरदान होती हैं। वहीं इन बेटियों के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नही हैं।

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किसान सहदेव सहारन की सबसे बड़ी बेटी रोमा ने बताया कि आस पड़ोस वाले और रिश्तेदार अक्सर माता-पिता को ताना देते थे कि क्यों बेटियों पर पैसा खर्च कर रहे हो। आखिर एक दिन उनको शादी के बाद रोटियां ही तो बनाना है। इतना पढ़ा-लिखाकर क्या करोगे। लेकिन हमारे पापा ने समाज के लोगों की कोई परवाह नहीं की और उनसे जितना हो सकता था उससे कहीं ज्यादा हमारे लिए क्या। अगर वह हम बहनों के पीछे अपना त्याग-समर्पण नहीं करते तो शायद हमको यह सफलता नहीं मिलती।

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तीनों बहनों को सोशल मीडिया पर बधाई मिल रहीं हैं। भारतीय वन सेवा की अधिकारी परवीन कस्वां ने ट्विटर पर तीनों की एक तस्वीर शेयर कर उन्हें बधाई दी है। साथ ही लिखा-तीनों बहनें ने इतिहास रचा है, माता-पिता और अपने गांव का नाम रोशन किया है, इस किसान परिवार की अब पांचों बेटियां अफसर बन गई हैं। बता दें कि वन अधिकारी परवीन के  द्वारा किए गए ट्वीट को अब तक 5,000 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं और बधाई वाले कमेंट्स मिल चुके हैं।

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