हादसे में दोनों हाथ गंवाने के बाद भी मिसाल बनी ये लड़की, कामयाबी ऐसी की राष्ट्रपति ने भी दिए अवॉर्ड

बीकानेर (राजस्थान). दुनियाभर में हर साल 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस या अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाया जाता है। इसी मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी महिला की कहानी, जिसने एक बलास्ट में अपने दोनों हाथ गंवा दिए। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और आज उसके हौसले और कामयाबी चर्चा हर कोई कर रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 4, 2019 12:13 PM IST
15
हादसे में दोनों हाथ गंवाने के बाद भी मिसाल बनी ये लड़की, कामयाबी ऐसी की राष्ट्रपति ने भी दिए अवॉर्ड
दरअसल हम बात कर रहे हैं मालविका अय्यर से जिनको लोग मोटिवेशनल स्पीकर भी कहते हैं। मालविका का वैसे जन्म तो तमिलनाडु में हुआ है। लेकिन उनका बचपन राजस्थान के बीकानेर शहर में बीता है। क्योंकि उनके पिता वॉटर वर्क्स डिपार्टमेंट में काम करते थे और उनकी जॉब में ट्रांसफर होता रहता था। इसलिए वह राजस्थान में रहने लगी।
25
मालविका बताती हैं मैं बचपन में बहुत शरारती थी, लेकिन एक हादसे ने मेरी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी। दरअसल साल 2002 में वह जब 13 साल की थी, उस दौरान उनको खेलते-खेलते एक एक ग्रेनेड मिला जिसके वह अपने साथ लेकर आ गईं। उन्होंने एक इंटव्यू में बताया था कि जब वो घर में कुछ फोड़ रहीं थी तो उस दौरान उनको एक हथौड़ी की जरुरत थी। जब उनको कुछ नहीं दिखा तो उन्होंने ग्रेनेड से किसी वस्तू को फोड़ने लगी। कुछ देर बाद वह फट गया और उनके दोनों हाथ खराब हो गए।
35
कई दिनों तक उनका इलाज चला, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बिना हाथों के ही पढ़ाई का ज़ज्बा कायम रखा। इसके चलते उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री ली। इसके बाद पीएचडी पूरी की और अब वह मालविका से डॉ. मालविका हो गईं।आज आलम यह है कि उनको लोग मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए बुलाते हैं।
45
मालविका दिव्यांगों के लिए काम करने के अलावा वह सामाजिक सरोकारों में भी रूचि रखती हैं। इसके लिए उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर से आमंत्रण भी मिला था। उनको आगे बढ़ना ता इसके लिए उन्होंने लिखने के लिए एक असिस्टेंट की मदद भी ली।
55
बिना हाथों के ही पढ़ाई का ये ज़ज्बा और सामाजिक सरोकारों में रूचि को देखते हुए मालविका को उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर से आमंत्रण भी मिला था। साथ ही कई विदेशी संस्थाओं से उन्हें अपने यहां मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए बुलाया जाने लगा। इसके लिए 8 मार्च 2018 को उनके लिए राष्ट्रपति रामनाराण गोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आपको बता दें कि मालविका की शादी हो चुकी है। साल 2015 में मालविका ने अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी कर ली।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos