Womens Day : पत्रकार से टीचर फिर बनी IPS अफसर, जानिए क्यों इनका नाम सुनते ही कांप उठते हैंं अपराधी

Published : Mar 07, 2021, 04:21 PM IST

बीकानेर (राजस्थान). 8 मार्च को पूरी दुनिया में वुमेंस डे मनाती है। महिला दिवस पर नारी शक्ति को सलाम करते हुए महिलाओं की उपलब्धियों को सेलिब्रेट किया जाता है। आज हर फील्ड में महिलाएं अपनी सफलता का परचमा लहरा रही हैं। चाहे फिर लड़ाकू विमान उड़ाने की बात हो या फिर खेल के मैदान की। वह संघर्ष करते हुए उन बुलंदियों को छूकर अपनी मिसाल कायम कर रही हैं। ऐसी ही एक महिला  IPS अफसर एसपी प्रीति चंद्रा की कहानी है, ईमानदारी से और हिम्मत से अपनी ड्यूटी करती हैं। यही वजह है कि वह लोगों में वो  लेडी सिंघम के नाम से मशहूर हैं। अपराधियों के लिए तो सिर्फ उनका नाम ही काफी है। जिनके तीखे तेवर के तेवरों के आगे चंबल के बीहड़ों में डकैत एक के बाद एक सरेंडर कर चुके हैं।  

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Womens Day : पत्रकार से टीचर फिर बनी IPS अफसर, जानिए क्यों इनका नाम सुनते ही कांप उठते हैंं अपराधी


महिला अधिकारी प्रीति चंद्रा 2008 बैच की IPS अफसर हैं। वह मूल रूप से राजस्थान के सीकर की रहने वाली हं। वह अभी बीकानेर में SP की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।  इससे पहले वह साल 2012 से 2013 में बूंदी एसपी रह चुकी हैं। वह बीहड़ में डाकुओं को पकड़ने के लिए कैंप लगा चुकी हैं। डाकुओं में इतना भय बैठाया कि कई डकैतों ने खुद आकर उनके सामने सरेंडर कर दिया।

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महिला दिवस के मौके पर IPS प्रीति चंद्रा ने दैनिक भास्कर से बात करते  हुए कहा कि आजकल अक्सर देखा जाता है कि जरा सी लड़ाई झगड़े के मामले में परिजन महिलाओं की ओर से गैंगरेप और छेड़छाड़ जैसे फर्जी लेकिन गंभीर आरोप लगवा देते हैं। जब ऐसी शिकायतें पर पुलिस     और कई एजेंसियों जांच करती हैं तो सच्चाई कुछ और ही निकलती है। लोग इन कानूनों का मिसयूज कर रहे हैं। यह सामान्य प्रवृति बनती जा रही है। आज सोचना चाहिए कि महिलाओं के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग ना हो। खास कर महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

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IPS प्रीति चंद्रा प्रशासनिक सेवा से पहले टीचर थीं। जहां वह बच्चों को जीवन में पढ़ने वाली हर मुश्किलों से कैसे लड़ा जाता है, इसके बारे में बताती थीं। आईपीएस अधिकारी बनने से पहले वह पत्रकार भी रह चुकी हैं। आईपीएस अधिकारी बनने के बाद वो अलवर में एसएसपी रहीं। इसके बाद दी में एसपी और कोटा एसीबी में एसपी रह चुकी हैं। करौली की एसपी रहने के बाद इस समय वो बीकानेर में SP की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

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 बूंदी में पुलिस अधीक्षक रहते हुए प्रीति चंद्रा मैडम ने सबसे पहले राजस्थान में बच्चियों को देह व्यापार में धकेलने वाले गिरोह का खुलासा किया था, और आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था। कई नाबालिग लड़कियों को नरक से बाहर निकाला था। खुद उन्होंने कई ठिकानों पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया। जिसके चलते वह चर्चा में आ गईं थीं। लोग समझ गए थे कि प्रीति मैडम बहुत ही साहसी अधिकारी हैं।

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IPS प्रीति चंद्रा का जन्म सीकर जिले के छोटे से गांव कुंदन में 1979 में हुआ था। उनके​ पिता रामचंद्र सूंडा भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। प्रीति ने शुरुआत में पत्रकारिता को अपना करियर बनाया था। लेकिन ​मन में कुछ बड़ा करने का जुनून सवार था। जिसके चलते वर प्राशसनिक सेवा में आने के लिए UPSC की तैयारी में जुट गईं। साल 2008 में इन्होंने बिना किसी कोचिंग के पहली ही बार के प्रयास में UPSC परीक्षा पास करके इतिहास रचते हुए  IPS अधिकारी बन गईं। उन्होंने एमए एमफिल तक की पढ़ाई की हुई है।
 

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