शादी है बर्बादी! भारत की 81 % महिलाएं रहना चाहती हैं कुंवारी, विवाह को लेकर है यह सोच

Published : Jan 17, 2023, 05:24 PM ISTUpdated : Jan 17, 2023, 05:31 PM IST

रिलेशनशिप डेस्क. आज की लड़कियां सशक्त बनती जा रही हैं। वो अपनी शर्तों पर जिंदगी जीना चाहती हैं। हालांकि अभी भी लड़कियों को पूरी आजादी नहीं मिली हैं, लेकिन कई मायनों में वो आगे बढ़ गई हैं। बात अगर रिलेशनशिप की करें तो भी वो इसमें किसी के बंधन में बंधना नहीं चाहती हैं। भारत में शादी और रिलेशनशिप को लेकर किए गए सर्वे में चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। आइए नीचे बताते हैं सर्वे में आए रिजल्ट के बारे में...

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शादी है बर्बादी! भारत की 81 % महिलाएं रहना चाहती हैं कुंवारी, विवाह को लेकर है यह सोच

डेटिंग ऐप बंबल पर हाल ही में शादी और रिलेशनशिप को लेकर सर्वे किया गया। जिसमें भारत की महिलाओं की एक अलग ही तस्वीर उभर कर सामने आई। अध्ययन के मुताबिक 5 में से करीब 2 (39%) डेटिंग करने वाले भारतीयों का मानना ​​है कि उनके परिवार वाले उनसे शादी के मौसम के दौरान पारंपरिक जोड़े बनाने को कहते हैं। शादी के मौसम आते ही शादी करने के लिए दबाव दिया जाता है।

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डेटिंग ऐप बंबल के एक हालिया अध्ययन के अनुसार भारत में 81 % महिलाएं अविवाहित और सिंगल रहने में सहज महसूस करती हैं। उन्होंने कहा कि वो सिंगल रहने में ज्यादा आराम और अच्छा महसूस करती हैं।

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वहीं, 83 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वो जल्दीबाजी में शादी नहीं करेंगी। तबतक प्रतीक्षा करेंगी जब तक की कोई सही व्यक्ति नहीं मिल जाता है। वहीं, 63 प्रतिशत लोगों  ने कहा कि वे अपनी प्राथमिकताओं, जरूरतों या आवश्यकताओं के आगे नहीं झुकेंगे। 

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सर्वे में यह पूछा गया कि वे कब शादी करना चाहते हैं? इसपर 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो इसके लिए प्रेशर महसूस करते हैं। खासकर शादियों के सीजन में।
 

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कुंवारे भारतीयों में से करीब एक तिहाई (33 प्रतिशत) ने कहा कि वे एक लॉन्गटर्म और कमिटेड रिलेशनशिप में जाने के लिए मजबूर महसूस करते हैं।  वो लंबे समय तक चलने वाली शादी के रिश्ते के लिए खुद को प्रेशर में फील करते हैं।Relationship News

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भारत में अभी भी माता-पिता अपने बच्चों की शादी तय करते हैं। शादी का मौसम आते ही उनपर शादी के लिए दबाव बनाया जाता है। कुछ लोग तो इसके आगे झुक जाते हैं। लेकिन अब लड़का हो या लड़की अपनी च्वाइंस को पैरेंट्स से बताने लगी हैं। 

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बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 7.14 करोड़ सिंगल वुमन हैं। इसमें बिना शादीशुदा महिलाओं के साथ-साथ तलाकशुदा और विधवा भी शामिल हैं।  साल 2001 में ये संख्या 5.12 करोड़ थी। 2001 से 2011 में यह अनुपात 40 फीसदी बढ़ा है। मतलब भारतीय महिला बदल रही है।

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