Navratri 2022: लक्ष्मीनारायण और बुधादित्य योग में मनाई जाएगी नवरात्रि, पहले दिन 4 ग्रह रहेंगे एक ही राशि में

उज्जैन. वैसे तो हिंदू धर्म में साल में 4 नवरात्रि मनाने की परंपरा है, लेकिन इन सभी में शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे अधिक माना गया है। इस बार शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2022) का पर्व 26 सितंबर, सोमवार से 4 अक्टूबर, मंगलवार तक मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है और इसके बाद नौ दिनों तक रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा का विधान है। आगे जानिए इस नवरात्रि पर्व किन शुभ योगों में मनाया जाएगा। साथ ही घट स्थापना के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, आरती, उपाय और वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं…

Manish Meharele | Published : Sep 24, 2022 5:29 AM IST / Updated: Sep 26 2022, 07:30 AM IST

17
Navratri 2022: लक्ष्मीनारायण और बुधादित्य योग में मनाई जाएगी नवरात्रि, पहले दिन 4 ग्रह रहेंगे एक ही राशि में

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 26 सितंबर को कन्या राशि में सूर्य, बुध, चंद्रमा और शुक्र ग्रह एक साथ रहेंगे। एक राशि में 4 ग्रह होने से चतुर्ग्रही योग इस दिन बन रहा है। 27 सितंबर को चंद्रमा राशि परिवर्तन कर तुला में प्रवेश करेगा, लेकिन अन्य तीन ग्रह नवरात्रि के दौरान कन्या राशि में ही रहेंगे। इसलिए नवरात्रि में त्रिग्रही योग पूरे समय बना रहेगा। साथ ही सूर्य और बुध की युति होने से बुधादित्य और शुक्र व बुध एक साथ होने से लक्ष्मी नारायण योग भी इस समय बना रहेगा। इसके अलावा शुक्ल और ब्रह्म नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
 

27

चित्तौड़गढ़ के श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, इस बार नवरात्रि में शनि और देवगुरु बृहस्पति ग्रह अपनी-अपनी राशि यानी मकर और मीन में रहेंगे। ऐसा संयोग 30 साल बाद बना है, जब ये दोनों ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे। खास बात ये है कि इस समय ये दोनों ग्रह वक्री अवस्था में हैं यानी टेढ़ी चाल चल रहे हैं।
 

37

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, इस बार नवरात्रि का आरंभ सोमवार से हो रहा है, जिसका अर्थ है कि माता इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी। माता जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार आने वाले पूरे साल की घटनाओं का आंकलन किया जाता है। देवी का वाहन यदि हाथी हो तो उस साल पानी ज्यादा बरसता है। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। सुख-समृद्धि और ज्ञान में भी वृद्धि होगी।


 

47

ये हैं कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त (Navratri 2022 Kalash Sthapna Shubh Muhurat)
सुबह 10.10 से 11 बजे तक- वृश्चिक लग्न
सुबह 11.36 से दोपहर 12.24 तक- अभिजीत मुहूर्त
शाम 4.15 से 5.40 तक- कुंभ लग्न
रात 8.45 से 10.41 तक- वृषभ लग्न

चौघड़िया मुहूर्त
सुबह 9.18 से 10.48 तक
दोपहर 03.18 से 4.48 तक
शाम 4.48 से 06.18 तक
(उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मितेश पांडे के अनुसार)

57

- मिट्टी का एक सकोरा (बर्तन) लेकर इसे मिट्टी से भर दें और जवारे बो दें। इसके बाद इसके ऊपर तांबे के कलश की स्थापना करें। इस कलश के मुंह पर आम के पत्ते रखकर इसके ऊपर नारियल रखें।
- अगर माता का चित्र स्थापित कर करे हैं तो ठीक है, लेकिन अगर मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं तो उसे खंडित होने से बचाने के लिए उस पर शीशा लगा दें।
- घट स्थापना के पहले दिन स्वस्तिक वाचन-शांतिपाठ करके संकल्प करें और सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा कर मातृका, लोकपाल, नवग्रह व वरुण का सविधि पूजन करें। फिर मुख्य मूर्ति की पूजा और आरती करें।
- दुर्गा देवी की पूजा में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की पूजा और श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ नौ दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
 

67

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥ जय अम्बे...
माँग सिंदुर विराजत टीको मृगमदको।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको ॥2॥ जय अम्बे....
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्त-पुष्प गल माला, कण्ठनपर साजै ॥3॥ जय अम्बे...
केहरी वाहन राजत, खड्ग खपर धारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहरी ॥4॥ जय अम्बे...
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥5॥ जय अम्बे...
शुंभ निशुंभ विदारे, महिषासुर-धाती।
धूम्रविलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥ जय अम्बे...
चण्ड मुण्ड संहारे, शोणितबीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥7॥ जय अम्बे...
ब्रह्माणी, रूद्राणी तुम कमलारानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी ॥8॥ जय अम्बे...
चौसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा औ बाजत डमरू ॥9॥ जय अम्बे...
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता सुख सम्पति करता ॥10॥ जय अम्बे...
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।
मनवाञ्छित फल पावत, सेवत नर-नारी ॥11॥ जय अम्बे...
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
(श्री) मालकेतु में राजत कोटिरतन ज्योती ॥12॥ जय अम्बे...
(श्री) अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पति पावै ॥13॥ जय अम्बे...
 

77

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, नवरात्रि में राशि अनुसार उपाय करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है। ये उपाय बहुत ही आसान है, जिसे कोई भी कर सकता है। आगे जानिए राशि अनुसार आसान उपाय…
- मेष राशि वाले देवी की पूजा लाल फूल चढ़ाकर करें। 
- वृषभ राशि वाले सफेद कपड़े पहनकर देवी सरस्वती की पूजा करें। 
- मिथुन राशि वाले हरे कपड़े पहनकर देवी भुवनेश्वरी की उपासना करें। 
- कर्क राशि वाले देवी भैरवी को दही-चावल का भोग लगाएं। 
- सिंह राशि वाले देवी जया को लाल फूल चढ़ाएं। 
- कन्या राशि वाले चन्द्रघंटा स्वरूप की पूजा करें। 
- तुला राशि वाले सफेद कपड़े पहनकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
- वृश्चिक राशि वाले देवी के कालरात्रि की पूजा करें। 
- धनु राशि वाले देवी के मातंगी स्वरूप की आराधना करें।
- मकर राशि देवी सरस्वती को नीले फूल चढ़ाएं। 
- कुंभ राशि वाले देवी काली की पूजा करें। 
- मीन राशि वाले देवी महागौरी की आराधना करें। 


ये भी पढ़ें-

Navratri 2022: अधिकांश देवी मंदिर पहाड़ों पर ही क्यों हैं? कारण जान आप भी कहेंगे ‘माइंड ब्लोइंग’

Navratri 2022: ये हैं देवी के 10 अचूक मंत्र, नवरात्रि में किसी 1 के जाप से भी दूर हो सकती है आपकी परेशानियां


Navratri Akhand Jyoti: अगर आप भी नवरात्रि में जलाते हैं अखंड ज्योति तो पहले जान लें इसके नियम

 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos