कभी महीने भर में 300 रुपए कमाने स्टेज शो करता था 'सिंघम' का ये विलेन, सलमान की फिल्म से मिली पहचान

मुंबई. साउथ से लेकर बॉलीवुड तक की फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके एक्टर प्रकाश राज शुक्रवार को अपना 56 वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 26 मार्च, 1965 को बैंगलुरु में हुआ था, लेकिन एक्टर को बॉलीवुड दर्शक ज्यादातर उन्हें वांटेड और सिंघम में विलेन का किरदान निभाने के लिए जानते हैं। हिंदी सिनेमा के दर्शकों ने भले ही प्रकाश राज को बीते कुछ सालों में पहचाना है, लेकिन वो लंबे समय से साउथ इंडस्ट्री के लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 26, 2021 5:36 AM IST

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कभी महीने भर में 300 रुपए कमाने स्टेज शो करता था 'सिंघम' का ये विलेन, सलमान की फिल्म से मिली पहचान

प्रकाश राज ने अपने करियर की शुरुआत साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म Mithileya Seetheyaru से की थी। लंबे वक्त तक तमिल, तेलुगू और कन्नड़ फिल्मों में काम करने के बाद प्रकाश पहली बार साल 2002 में रिलीज हुई फिल्म 'शक्ति' में हिंदी सिनेमा में नजर आए थे। इसके बाद उन्होंने 'खाकी', 'वांटेड' और 'सिंघम' जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि, पहचान उन्हें वांटेड से ही मिली थी।
 

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सुपरस्टार सलमान खान की फिल्म 'वांटेड' में प्रकाश राज ने नेगेटिव रोल प्ले किया था। फिल्म में उनका किरदाल लीड विलेन का था और उन्होंने इस रोल को कुछ इस कदर प्ले किया था कि वो हंसाने के साथ-साथ दर्शकों को डरा पाने में भी कामयाब रहे थे।

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इसी तरह फिल्म 'सिंघम' में भी उन्होंने फनी विलेन का रोल किया था, जिससे वो काफी तेजी से हिंदी सिनेमा के दर्शकों में मशहूर हो गए थे।

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इस बात को बहुत लोग ही जानते होंगे कि सिनेमा जगत में शुरुआत करने से पहले प्रकाश राज ने लंबे समय तक थिएटर में काम किया है। वो तकरीबन 300 रुपए महीने में कमाने के लिए स्टेज शोज किया करते थे। 

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इसके अलावा उन्होंने थिएटर और स्ट्रीट शोज में भी जमकर पसीना बहाया है। टीवी और फिल्मों में एंट्री लेने से पहले प्रकाश राज एक मंझे हुए कलाकार बन चुके थे।

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अगर प्रकाश राज की पर्सनल लाइफ की बात की जाए तो उनका ओरिजनल सरनेम राज नहीं बल्कि राय है। उन्होंने तमिल फिल्म के डायरेक्टर के बालाचंद्र की सलाह पर अपना सरनेम बदल लिया था। 

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फिल्मों के अलावा प्रकाश राज एक सोशल वर्कर भी हैं। उन्होंने सात गांवों को गोद लिया है। जिसमें- कोंडरेड्डीपल्ले, महबूबनगर जिला, तेलंगाना और चित्रादुर्गा जिला, कर्नाटक। उन्होंने इन गांवों में विकास करने के लिए गोद लिया है। 

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इसके अलावा प्रकाश राज को सात भाषाओं का ज्ञान है। वो कन्नड़ के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम, मराठी, हिंदी और इंग्लिश जैसी भाषाएं बोलना चाहते हैं। 

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