'MOSSAD' वर्ल्ड की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी, इजराइल के 5 मिशन को याद कर कांप जाते हैं दुश्मन

दिल्ली। इजरायल के नई दिल्ली में स्थित दूतावास के बाहर हुए आईईडी ब्लास्ट को इजरायली विदेश मंत्रालय ने आतंकी वारदात करार दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना के बाद से भारतीय और इजरायली खुफिया एजेंसिया सक्रिय हो गई हैं। ऐसे में हम आपको इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के 5 मिशन के बारे में बता रहे हैं, जिसके कारण दुनिया का सबसे तेज खुफिया एजेंसी माना जाता है। बताते चले कि मोसाद ने कई ऐसे मिशन को भी अंजाम दिया है, जिसको सोचकर इंसान सिहर जाए। बताते हैं कि भारत तो अपनी खुफिया एजेंसी में काम करने वाले अधिकारियों की ट्रेनिंग तक इजरायली खुफिया एजेंसी के साथ करवाता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 30, 2021 10:59 AM IST / Updated: Jan 30 2021, 05:07 PM IST

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'MOSSAD' वर्ल्ड की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी, इजराइल के 5 मिशन को याद कर कांप जाते हैं दुश्मन

हत्यारों को दी थी उन्हीं के भाषा में जवाब
मोसाद ने 1972 में हुए म्यूनिख ओलिंपिक में इजरायली टीम के 11 खिलाड़ियों के हत्यारों को कई देशों में ढूंढ-ढूंढकर मौत के घाट उतार दिया। इजरायली खिलाड़ियों की हत्या का आरोप ब्लैक सेप्टेंबर और फिलीस्तीन लिबरेशन अर्गनाइजेशन पर लगा था। कहा जाता है कि मोसाद ने सभी 11 आतंकियों को 11-11 गोलियां मारी थी।  इसके लिए मोसाद ने फोन बम, नकली पासपोर्ट, जहर की सूई, बम, कार बम तक का इस्तेमाल किया। 
 

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सीक्रेट तरीके से देती है मिशन को अंजाम
मोसाद अपने मिशन को सीक्रेट तरीके से अंजाम देती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बात अर्जेंटीना में 11 मई 1960 की है, यह मिशन इतना सीक्रेट था कि अर्जेंटीना की सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। मोसाद नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन का अपहरण कर इजरायल लेकर आई थी। जिसके बाद उसे यहूदियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए मुकदमा चलाकर सजा दी गई। इस मिशन को इजरायल के पांच एजेंटों ने अंजाम दिया था।
 

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दुनिया के सबसे तेज विमान को लाया था इजरायल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 60 के दशक में अगर कोई लड़ाकू विमान सबसे अडवांस्ड और फास्ट था तो वह मिग-21 विमान था। इस विमान को पाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भी असफल हो गई थी, जिसके बाद इसकी जिम्मेदारी मोसाद को दी गई। जिसने तीसरे प्रयास में 1964 एक इराकी पायलट को इस विमान के साथ इजरायल लाने के लिए मना लिया था।

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दुनिया में सबसे सफल हॉइजैकर्स मिशन को दिया था अंजाम
बताते हैं कि 27 जून 1976 को इजरायली यात्रियों से भरी फ्रांस के एक यात्री विमान को अरब के आतंकियों ने अपहरण कर लिया। तब मोसाद ने देश से अपने 94 नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया था। युगांडा के एंतेबे हवाई अड्डे पर मोसाद के ऑपरेशन को आज भी पूरी दुनिया में सबसे सफल हॉइजैकर्स मिशन माना जाता है।
 

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आतंकी संगठनों के मुखिया को सिखाया था कुछ ऐसे सबक
मोसाद ने फिलीस्तीन के प्रसिद्ध नेता रहे यासिर अराफात का दाहिना हाथ कहे जाने वाले खलील अल वजीर को ट्यूनिशिया में उसके परिवारवालों के सामने गोलियों से छलनी कर दिया थी। खलील को अबू जिहाद के नाम से भी जाना जाता था। यह फिलीस्तीन के आतंकी संगठनों का मुखिया माना जाता था, जिसके इशारे पर इजरायल में कई हमले भी हुए थे।

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