शशि देवी के मुताबिक जब वह घर में थे, तब उन्होंने मेरे हाथ का बना खाना खाया। लेकिन तब से अबतक उन्होंने घर का खाना नहीं खाया। वह आखिरी बार 11 फरवरी 2017 को मिले थे, जब वह चुनाव के सिलसिले में इस इलाके में आए थे। उन्होंने बताया, जब वह मिलते हैं तो बच्चों से बातें करते हैं, लेकिन बड़ों से कुछ नहीं बोलते।