Indira Gandhi को 30 गोलियां मारने के बाद क्या हुआ? अगले ही दिन कैसे हुई 3 हजार सिखो की मौत

नई दिल्ली. भारत के इतिहास (History of India) में 1984 का सिख विरोधी दंगा (1984 Anti-Sikh Riots) एक काला अध्याय के तौर पर देखा जाता है, जिसे लेकर कांग्रेस अक्सर बैकफुट पर आ जाती है। 1 नवंबर ही वह तारीख है, जिस दिन पूर्वी दिल्ली में पहला सिख मारा गया और उसी के बाद से दंगे की शुरुआत हुआ। हालांकि 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की हत्या (Indira Gandhi Assassination) के बाद से ही इसका बैकग्राउंड तैयार हो गया था। इंदिरा गांधी के दो सिख गार्डों ने ही उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। घायल हालत में उन्हें एम्स (AIIMS) ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इंदिरा गांधी को 30 गोली मारी गई थी। जानें इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से सिख विरोध दंगा होने की क्रमवार पूरी कहानी...? 

Asianet News Hindi | Published : Oct 31, 2021 10:15 AM IST / Updated: Nov 01 2021, 07:34 AM IST
17
Indira Gandhi को 30 गोलियां मारने के बाद क्या हुआ? अगले ही दिन कैसे हुई 3 हजार सिखो की मौत

सुबह 9.20 मिनट पर इंदिरा को मारी गई गोली
31 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर इंदिरा गांधी के दो सिख सुरक्षा गार्डों ने उनके आवास पर ही गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद इंदिरा को आनन-फानन में एम्स ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान उन्होंने 10 बजकर 50 मिनट पर दम तोड़ दिया।

27

एम्स के बाहर लगा नारा-खून का बदला खून
31 अक्टूबर को एम्स के चारों तरफ भीड़ इकट्ठा हो गई। खून का बदला खून के नारे लगने लगे। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस सांसद रहे सज्जन कुमार और ट्रेड यूनियन नेता ललित माकन ने हमलावरों को 100 रुपए के नोट और शराब की बोतलें दी। 

37

ऑल इंडिया रेडियो में हत्या की खबर दी गई
सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो (All India Radio) पर बताया गया कि इंदिरा गांधी को गोली मारने वाले गार्ड सिख थे। इसके बाद धीरे-धीरे लोगों में गुस्सा बढ़ता गया। शाम करीब 4 बजे राजीव गांधी पश्चिम बंगाल से एम्स लौटे। वहीं शाम 5 बजकर 30 मिनट पर विदेश यात्रा से लौट रहे राष्ट्रपति जैल सिंह के काफिले पर एम्स पहुंचते ही पथराव किया गया।

47

सिखों के खिलाफ भयानक गुस्सा फूट पड़ा
इसके बाद सिखों के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ता है। 1 नवंबर को पूर्वी दिल्ली में पहला सिख मारा जाता है। सुबह होते-होते दिल्ली में कई सड़कों पर भीड़ ने कब्जा कर लिया। गुरुद्वारों को निशाना बनाया गया। मंगोलपुरी, शाहदरा, त्रिलोकपुरी, गीता, सुल्तानपुरी और पालम कॉलोनी जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। 

57

दंगे में हजारों लोगों की मौत हो गई
2 नवंबर को दिल्ली में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई, लेकिन लागू नहीं किया गया। हालांकि पूरे शहर में सेना तैनात कर दी गई। सरकार का अनुमान है कि दिल्ली में सिख विरोध दंगे में लगभग 2800 सिख मारे गए। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरे देश में मरने वालों की संख्या करीब  8 से लेकर 17 हजार तक है।

67

दिसंबर 2018 में 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए पहली हाई प्रोफाइल सजा कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की गिरफ्तारी के साथ हुई, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 

77

"बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है"
19 नवंबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi ) ने बोट क्लब में जमा भीड़ के सामने एक कंट्रोवर्सिय बयान (Controversial Statement) दिया था। उन्होंने कहा था, जब इंदिरा की हत्या हुई तो हमारे देश में कुछ दंगे फसाद हुए। हमें मालूम है कि भारत की जनात को कितना क्रोध आया। जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है। 

ये भी पढ़ें

बलात्कारी टीचर: स्टूडेंट को ऑफिस बुलाया, फिर अचानक दरवाजा बंद-लाइट ऑफ, मना करने पर छात्रा को नीचे फेंक दिया

मैं लड़की हूं या लड़का...इसी कन्फ्यूजन से परेशान होकर 11 साल की लड़की ने दे दी जान, नोट में शॉकिंग खुलासा

Disabled Client के साथ संबंध बनाने के दौरान ऐसा क्या हुआ, जो Sex Worker ने पूरी दुनिया को बताई वो कहानी

इस लड़की ने पिता की लाश के साथ सेक्सी पोज देकर खिंचवाई फोटो, लोग देने लगे गालियां, तब बताई असली वजह

नेता ने कॉफी पीने घर बुलाया फिर करने लगा Kiss, महिला ने बताया- ब्लेजर उतारने वाले सीनेटर की घिनौनी करतूत

Read more Photos on
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos