मां की गुहार पर सरकार ने किया बेटे को एयरलिफ्ट, फ्लाइट कंपनी ने भी नहीं लिए पैसे, जानें क्या है मामला

Published : Jul 06, 2021, 04:34 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क.  25 साल के अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) को ऑस्ट्रेलिया से एयरलिफ्ट करके इंडिया लाया गया है। अर्शदीप गंभीर बीमारी से जूझ रहे। उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं।  कोरोना वायरस के बीच दोनों देशों ने सरकार ने एयरलिफ्ट में मदद की और सोमवार को मेलबर्न से नई दिल्ली एक विशेष विमान से लाया गया। अर्शदीप की फैमली ने भारत और ऑस्ट्रेलिया की सरकार को थैक्स कहा है। अर्शदीप 2018 में उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गए थे। जहां जून में तबीयत खराब होने के चलते उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया था।  आइए जानते हैं क्या कहा अर्शदीप सिंह ने।

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मां की गुहार पर सरकार ने किया बेटे को एयरलिफ्ट, फ्लाइट कंपनी ने भी नहीं लिए पैसे, जानें क्या है मामला

मां ने मांगी थी मदद
अर्शदीप सिंह की मां इंद्रजीत कौर ने अपने बेटे की वापसी के लिए गुहार लगाई थी। उन्होंने दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर कर बेटे की वापसी के लिए इंडियन गवर्मेंट से हस्ताक्षेप करने की मांग की थी। कोरोना महामारी के कारण अभी दोनों देशों के बीच पूरी क्षमता से फ्लाइट नहीं चल रही हैं। जिस कारण अर्शदीप सिंह अपने वतन वापस नहीं आ पा रहे थे।

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अर्शदीप सिंह के रिश्तेदार कुंवर सिंह ने उनकी वापसी पर खुशी जताते हुए कहा कि हम उन सभी के आभारी हैं, जिनकी वजह से अर्शदीप वापस भारत लौट सके। अर्शदीप 8 जून से मेलबर्न के सेंट विंसेंट अस्पताल में भर्ती थे। 

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इंडियन वर्ल्ड फोरम ने निभाई भूमिका
अर्शदीप की वापसी में इंडियन वर्ल्‍ड फोरम ने भी अहम भूमिका निभाई। फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि हमारे प्रयास सफल रहे। अर्शदीप की चिकित्सा स्थिति के चलते उन्हें यात्रा करने की अनुमति मिल रही थी, लेकिन उनके डॉक्टर, ऑस्ट्रेलिया और भारत सरकार के साथ प्रभावी समन्वय के बाद इसका हल निकल गया। 
 

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एयरलाइन्स ने भी नहीं लिया चार्ज
भारतीय नागरिक अर्शदीप सिंह को ऑस्ट्रलियाई एयरलाइन Qantas के विमान से नई दिल्ली लाया गया है। Qantas ने इस एयरलिफ्ट के लिए कोई शुल्क नहीं लिया है। 

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मेदांता में भर्ती
अर्शदीप दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा तो परिवार वालों के आंसू छलक आए। अब उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital in Gurugram) में भर्ती कराया गया है। परिवार वालों ने दोनों देशों की सरकारों को धन्यवाद कहा है। 

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