हैदराबाद, तेलंगाना. भारत में कुंभ के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेला 'मेदाराम जतारा' ट्राइबल फेस्टिवल तेलंगाना में 16 फरवरी से शुरू हुआ, जो 4 दिन चलेगा। कुम्भ मेले के बाद मेदारम जतारा देश का दूसरा सबसे बड़ा उत्सव है, जिसे तेलंगाना की दूसरी सबसे बड़ी कोया जनजातीय मनाती है। एशिया का सबसे बड़ा जनजातीय मेला होने के नाते मेदारम जतारा देवी सम्माक्का और सरलम्मा के सम्मान में आयोजित किया जाता है। यह उत्सव ‘माघ’ महीने (फरवरी) में पूर्णमासी को दो वर्षों में एक बार मनाया जाता है। सम्माक्का की बेटी का नाम सरलअम्मा था। उनकी प्रतिमा पूरे कर्मकांड के साथ कान्नेपल्ली के मंदिर में स्थापित है। यह मेदारम के निकट एक छोटा सा गांव है। देखिए कुछ तस्वीरें और जानिए मेले की खासियत...