10 फोटो में जानिए गांधी जी के वो 7 आंदोलन.. जिन्होंने बिना खड्ग-बिना ढाल आजादी दिलाने में मदद की

Published : Oct 02, 2022, 07:49 AM IST

ट्रेंडिंग डेस्क। राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी उनका पूरा नाम था। उनका संकल्प था भारत को अंग्रेजों से आजाद कराना। इसके लिए उन्होंने कई आंदोलन किए। जेल भी गए। वो आंदोलन ही थे, जिनके जरिए उन्होंने लोगों को एकजुट किया। इस वजह से अंग्रेजों को आखिरकार भारत छोड़ना ही पड़ा। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि गांधी जी को सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस ने ही वर्ष 1944 में रंगून रेडियो से राष्ट्रपिता कहा था। आइए तस्वीरों में देखते हैं, महात्मा गांधी के संघर्ष भरे जीवन की एक झलक। 

PREV
110
10  फोटो में जानिए गांधी जी के वो 7 आंदोलन.. जिन्होंने बिना खड्ग-बिना ढाल आजादी दिलाने में मदद की

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन देशभर में अलग-अलग समारोह होते हैं। 

 

210

भारत को आजाद कराने के लिए उन्होंने कई आंदोलन चलाए। लोगों को एकजुट किया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया। 

310

उन्होंने छोटे किसानों, मजदूरों और वंचितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी। बड़े जमींदार, मिल मालिक उनके निशाने पर होते थे। 

410

गांधी जी ने 1917 में चंपारण सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था। यह बिहार में ब्रिटिश जमींदारों द्वारा छोटे किसानों के शोषण के खिलाफ था। 

510

महात्मा गांधी ने 1918 में खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन किया था। यह आंदोलन गुजरात के किसानों पर ब्रिटिश सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ था। 

610

अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन गांधी जी ने वर्ष 1918 में ही शुरू किया था। यह मिल मालिकों के खिलाफ था, जो मजदूरों के अधिकार छीन रहे थे। 

710

गांधी जी ने वर्ष 1919 में खिलाफत आंदोलन शुरू किया था। यह आल इंडिया मुस्लिम कांफ्रेंस के द्वारा आयोजित था और गांधी जी इसके मुख्य प्रवक्ता थे। 

810

महात्मा गांधी ने वर्ष 1920 में असहयोग आंदोलन चलाया। उनका मानना था कि भारतीय अगर अंग्रेजों का असहयोग करेंगे तो वे देश छोड़कर चले जाएंगे। 

910

यही नहीं, महात्मा गांधी ने वर्ष 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया था। इसमें बिना हिंसा किए सरकारी कानूनों को तोड़ना था। 

 

1010

गांधी जी ने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन में ही उन्होंने करो या मरो का नारा किया दिया था। 

Recommended Stories