एक झटके में खत्म हुआ पूरा परिवार: पहले ब्लास्ट फिर अंधाधुंध गोलियां, गाड़ी में थे कर्नल उनकी पत्नी और बच्चा

इम्फाल. मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर जिले में आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। असम राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले को निशाना (Ambush by Militants) बनाया गया। हमले में सीओ की पत्नी और बेटे सहित सात लोगों की मौत हो गई। शहीद जवानों के शव शनिवार को इंफाल पहुंचे। दो संगठनों पीएलए और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने संयुक्त रूप से हमले की जिम्मेदारी ली है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हमले में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, मैं उन सैनिकों और परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि देता हूं जो शहीद हुए हैं। उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। तस्वीरों में देखें कैसा था कर्नल विप्लव त्रिपाठी का परिवार, कैसे हुआ हमला....?

Asianet News Hindi | Published : Nov 14, 2021 5:44 AM IST / Updated: Nov 14 2021, 11:16 AM IST
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एक झटके में खत्म हुआ पूरा परिवार: पहले ब्लास्ट फिर अंधाधुंध गोलियां, गाड़ी में थे कर्नल उनकी पत्नी और बच्चा

पता नहीं था कि पत्नी और बच्चा भी है
हमला करने वाले संगठनों ने कहा कि दुर्भाग्य से हमले को अंजाम देने वाले संगठनों को पता नहीं था कि कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी और उनका बेटा काफिले में है। कर्नल विप्लव त्रिपाठी और चार अन्य जवान आतंकवादी हमले में मारे गए। शहीद जवानों की पहचान सुमन स्वर्गियारी, खतनेई कोन्याक, आरपी मीणा और श्यामल दास के रूप में हुई है। 

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घात लगाकर किया गया हमला
आतंकी सगठनों ने घात लगाकर हमला किया। घटना करीब 11.30 बजे हुई थी। तब असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी बिहांग को पोस्ट से वापस लौट रहे थे। हमले में कर्नल विप्लव के साथ उनकी पत्नी अनुजा, पांच साल का बेटा अबीर की भी मौत हो गई। 

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आतंकियों ने पहले विस्फोट किया फिर दनादन फायरिंग करने लगे। कुछ ही देर में सभी को मौत की नींद सुला दिया। आतंकियों ने मार्च की पहली गाड़ी को ब्लास्ट से उड़ाया। बीच वाली गाड़ी में कर्नल त्रिपाठी अपने परिवार के साथ थे। जैसे ही ब्लास्ट हुआ, आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बेटे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

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दादा से प्रेरित होकर सेना में आए थे
शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी अपने स्वतंत्रता सेनानी दादा से प्रेरित थे। किशोरी मोहन त्रिपाठी का 1994 में निधन हो गया। तब विप्लव 14 साल के थे। उनके दादा ने विप्लव को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया था। उनके मामा राजेश पटनायक ने इस बात की जानकारी दी। 

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विप्लव त्रिपाठी परिवार छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के रहने वाले थे। उनके घर के लोगों ने कहा कि विप्लव अपने दादा (एक महान स्वतंत्रता सेनानी) से प्रेरित थे। उनके पिता एक वरिष्ठ पत्रकार और उनकी मां एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।  

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकी समूह ने घात लगाकर हमला किया। ऐसे में चिंता की बात ये है कि इन लोगों के पास ऐसे हथियार कहां से आ रहे हैं। एके 47 असॉल्ट राइफल, मशीनगन, टैंक रोधी टेकनीक और हथगोले कहां से आए। इन आतंकियो की वजह से सीमा पर विद्रोही संगठनों के लिए रास्ता आसान हो रहा है। 

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