निधी कैसे बनीं ब्रेस्टमिल्क डोनर
निधी ने अपने ब्रेस्टमिल्क डोनर बनने के सफर के बारे में बात करते हुए बताया था कि वो लगातार गायनेकोलॉजिस्ट के संपर्क में रहीं। वो अपना दूध इकट्ठा कर रही थीं। वो अपने दूध को वेस्ट नहीं करना चाहती थीं तो अपने डॉक्टर के पास गईं और उन्होंने उन्हें मुंबई के सूर्या हॉस्पिटल में जाने की सलाह दी। वहां पर एक ब्रेस्टमिल्क बैंक सेटअप किया गया था। जहां से प्रोड्यूसर भी जुड़ीं।
सूर्या हॉस्पिटल का ब्रेस्ट मिल्क बैंक 30 बैंकों में से एक है, जो भारत में एक्टिव है। भारत में पहले बैंक की स्थापना 1989 में की गई थी। जब निधी का दूध होना बंद हो गया तो वो फिर भी इसे आगे बढ़ाना चाहती थीं।