पाकिस्तान बनाने वाले जिन्ना के पिता क्यों हिंदू से बन गए थे मुस्लिम, कारोबार की वजह से कर दिया गया बहिष्कार

ट्रेंडिंग डेस्क। पाकिस्तान इस साल भी 14 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, जबकि आजाद वह भी भारत के साथ 15 अगस्त 1947 को हुआ था। मोहम्मद अली जिन्ना यही चाहते थे कि 15 अगस्त को ही पाकिस्तान का भी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाए। जब तक वे जीवित रहे यानी सितंबर 1948 में जब उनकी मौत हुई, तब तक पाकिस्तान 15 अगस्त को ही आजादी का दिन मनाता रहा, मगर उनके मरते ही यह दिन 14 अगस्त को कर दिया गया। हालांकि, इस बात की जानकारी भी कम ही लोगों को होगी कि मोहम्मद अली जिन्ना एक हिंदू परिवार में पैदा हुए थे। वह गुजरात के रहने वाले थे और जाति थी लोहना। मगर उनके पिता ने ऐसा कारोबार शुरू कर दिया, जिसकी वजह  से समाज के लोगों ने उनका बहिष्कार कर दिया। इसके बाद ही उनके पिता ने धर्म बदल लिया। आइए तस्वीरों के जरिए मोहम्मद अली जिन्ना के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानते हैं। 

Asianet News Hindi | / Updated: Aug 13 2022, 07:52 AM IST

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पाकिस्तान बनाने वाले जिन्ना के पिता क्यों हिंदू से बन गए थे मुस्लिम, कारोबार की वजह से कर दिया गया बहिष्कार

मोहम्मद अली जिन्ना का परिवार गुजरात के काठियावाड़ के पनेली गांव का रहने वाला था। उनके दादा का नाम प्रेमजी भाई मेघजी ठक्कर था। वह लोहना जाति से ताल्लुक रखते थे। 

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जिन्ना के पिता का नाम पुंजालाल ठक्कर था। समाज के लोगों ने परिवार का बहिष्कार कर दिया तो धर्म बदलने का फैसला कर लिया और मुस्लिम धर्म अपना लिया। 

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लोहना समाज के लोग शाकाहारी होते थे और मांसाहार से परहेज करते थे। मगर जिन्ना के दादा ने मछली का कारोबार शुरू कर दिया, जिसका समाज के लोगों ने विरोध किया। 

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जिन्ना के दादा का कारोबार काफी बढ़ चुका था। विदेशों में भी माल पहुंचाया जा रहा था। इस कारोबार से उन्होंने काफी पैसा कमाया। ऐसे में वे इसे छोड़ना नहीं चाहते थे। 

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लोहना समाज के लोग जिन्ना के परिवार के विरोध में खड़े हो गए। उन्हें चेतावनी दे दी गई कि अगर उन्होंने कारोबार बंद नहीं किया तो समाज से बहिष्कृत कर दिया जाए। 

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जब जिन्ना के दादा नहीं माने और उन्होंने कारोबार जारी रखा तो समाज के लोगों ने उनका विरोध किया और उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया।  

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हालांकि, बाद में जिन्ना के दादा ने कुछ साल तक जब मछली के कारोबार से अच्छा-खासा पैसा बना लिया, तो कारोबार बंद कर दिया और समाज में शामिल होने की इच्छा जताई। 

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मगर समाज के लोगों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। समाज से बहिष्कृत किए जाने के बाद प्रेमजी भाई ने हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म अपना लिया और परिवार सहित बेटों का नाम भी बदल दिया। 

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जिन्ना के पिता पुंजालाल ठक्कर का निक नेम जिनो था और इसे ही टाइटल बना लिया। ऐसे में नाम पहले मोहम्मद अली जिन्नो था, जो बाद में बदलते-बदलते जिन्ना हो गया। 

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इसके बाद जिन्ना के परिवार ने इसी सरनेम को अपना लिया। हालांकि, धर्म सिर्फ जिन्ना के पिता ने ही बदला। उनके पिता के किसी और भाई ने धर्म परिवर्तन नहीं किया और वे हिंदू ही रहे। इसके बाद पुंजालाल ने अपने भाइयों से भी नाता खत्म कर लिया और कराची जाकर बस गए। 

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