ये है सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाली म्यांमार की 22 साल की ब्यूटी क्वीन, जान की भी नहीं है परवाह

थाईलैंड में साल 2013 में मिस ग्रैंड इंटरनेशनल ब्यूटी पीजेंट का आयोजन किया गया था। इस समारोह में म्यांमार की ब्यूटी क्वीन Htar Htet Htet ने भी हिस्सा लिया था। इस ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स में उन्होंने अपने देश में सेना के कथित अत्याचारों पर स्पीच दी और इस स्पीच के सहारे उन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान अपने देश के खराब हालातों पर खींचा था। ऐसे में 22 साल की हेन ले ने अपने देश की सेना के खिलाफ हथियार भी उठा लिया है और उनका है वो तब तक लड़ती रहेंगी जब तक लड़ सकेंगी। उन्हें जान की भी कोई परवाह नहीं है। पूर्व ब्यूटी क्वीन ने शेयर की है फोटो...

Asianet News Hindi | Published : May 12, 2021 12:37 PM IST
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ये है सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाली म्यांमार की 22 साल की ब्यूटी क्वीन, जान की भी नहीं है परवाह

8 साल पहले ब्यूटी पीजेंट का हिस्सा थीं Htar

म्यांमार की पूर्व ब्यूटी क्वीन ने हाथ राइफल लिए हुए खुद की कुछ फोटो ट्विटर पर शेयर की है। 8 साल पहले हेन ने 60 दावेदारों के साथ ब्यूटी पीजेंट में हिस्सा लिया था। अब वहीं ब्यूटी क्वीन सशस्त्र ग्रुप में शामिल हो चुकी हैं।   
 

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फेसबुक पर ब्यूटी क्वीन ने लिखी पोस्ट 

अपने फेसबुक पेज पर हेटर ने लिखा, 'एक बार फिर से लड़ने का समय वापस आ गया है। चाहे आप एक हथियार, कलम, कीबोर्ड रखें या लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के लिए पैसे दान करें। हर किसी को सफल होने की कोशिश करते रहना चाहिए।'

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जान की नहीं है कोई परवाह-Htar

Htar Htet Htet ने आगे कहा कि 'वो इसके लिए लड़ती रहेंगी, जब तक लड़ पाएंगी। वो इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं और अपना सबकुछ समर्पित कर दिया है। यहां तक की उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं है।'

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Htar ने ट्वीट की हथियार लिए हुए फोटो 

Htar ने अपनी फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा, 'क्रांतिकारी एक सेब नहीं है, जो पकने के बाद गिर जाएगा। इसे आपको गिराना होगा। (Che Guevara) हमें इसे जीतना है।'

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आंग सान सू के नेतृत्व से असंतुष्ट थे लोग

इस बात पर ध्यान दिया जा सकता है कि म्यांमार के सेना के नागरिक नेता आंग सान सू के नेतृत्व से असंतुष्ट थे। इनके नेतृत्व में लोग अराजकता में रहे हैं। 1 फरवरी से सत्ता पर कब्जा कर लिया है।
 

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10 मई तक मारे गए 782 लोग

यूएन की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से 10 मई तक, देश में करीब 782 लोग मारे गए हैं। क्योंकि सार्वजनिक भागीदारी के अन्य रूपों को दबाने के लिए अनावश्यक घातक बल का इस्तेमाल किया गया था। 
 

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स्पोकपर्सन Rupert Colville ने मीडिया से कही ये बात 

मीडिया से बातचीत करते हुए UN rights office के स्पोकपर्सन Rupert Colville ने कहा कि 'सैन्य अधिकारियों ने सत्ता पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए विरोधियों पर अपनी क्रूर कार्रवाई में कोई कमी नहीं होने दी।'
 

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सिक्योरिटी फोर्सेस द्वारा कई प्रदर्शनकारियों को मारा गया

दुनियाभर के लोगों को जानने की जरूरत है कि सिक्योरिटी फोर्सेस ने कई प्रदर्शनकारियों को मार डाला, जो कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। 

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