पाकिस्तानः स्कूल कैंपस के अंदर बिछ गई थी 132 बच्चों की लाशें, इतनी गोलियां चलीं की टूटने लगी थीं दीवारें

Published : Nov 11, 2021, 10:38 AM ISTUpdated : Nov 11, 2021, 10:48 AM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल (Army Public School massacre 2014) के अंदर 132 बच्चों की मौत का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। 16 दिसंबर 2014 को तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने स्कूल पर हमला किया था, जिसमें 132 बच्चों सहित कुल 140 लोगों की मौत हो गई थी। अब ये मामला फिर से गर्म हो गया। वजह है पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने हत्यारे टीटीपी से शांति समझौता कर लिया है। अब इसके विरोध में मृतकों के परिजन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। कोर्ट ने इमरान खान को भी तलब किया। चार हफ्ते के बाद अगली सुनवाई होगी। पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी इमरान सरकार के इस फैसले की आलोचना हो रही है। पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल हमले की दर्दनाक तस्वीरें...    

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पाकिस्तानः स्कूल कैंपस के अंदर बिछ गई थी 132 बच्चों की लाशें, इतनी गोलियां चलीं की टूटने लगी थीं दीवारें

7 आतंकवादियों ने स्कूल पर कर लिया था कब्जा
16 दिसंबर 2014 की सुबह के करीब 10.30 बज रहे थे। स्कूल में कुल 1099 रजिस्टर स्टूडेंट हैं। 7 बंदूकधारी विस्फोटक बेल्ट पहने हुए दीवारों को लांघकर स्कूल में दाखिल हुए। आर्मी पब्लिक स्कूल पेशावर कैंट के पास वारसाक रोड पर है।
 

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ज्यादा से ज्यादा बच्चों की हत्या था मकसद
स्कूल में घुसने से पहले आतंकवादियों ने सुजुकी बोलन एसटी 41 वैन में आग लगा दी। ये वही गाड़ी थी, जिससे वे मिशन को अंजाम देने के लिए यहां तक पहुंचे थे। इसके बाद जैसे ही आतंकवादी स्कूल कैंपस में पहुंचे, अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। 
 

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पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग ISPR के महानिदेशक मेजर जनरल असीम बाजवा ने कहा था कि उस वक्त आतंकवादियों का एक ही मकसद था, जितने लोगों को मार सकते हो उतने लोगों को मार डालो। किसी को बंधन बनाने का मकसद नहीं था। सिर्फ हत्या करने आए थे।
 

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कई बच्चों को स्कूल गार्डेन में मारा गया
स्कूल कैंपस में जैसे ही गोलियां चलना शुरू हुईं, बच्चों सहित स्कूल का स्टाफ इधर-उधर भागने लगा। इसी दौरान कई लोगों को तो गार्डेन में मार गिराया गया। 16 दिसंबर 2014 को पूरी दुनिया पाकिस्तान में हुए कत्लेआम को देखकर दंग हो गई थी। एक स्कूल में कैसे मासूमों को निशाना बनाया जा रहा था। स्कूल के बच्चों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई जा रही थीं। 
 

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हमले के दोषियों को दी गई सजा
कुछ ही देर में पाकिस्तानी सेना के एसएसजी के जवानों ने बचाव अभियान शुरू किया और सभी आतंकवादियों को मार कर 960 लोगों की जान बचाई। 2 दिसंबर 2015 को पाकिस्तान ने पेशावर नरसंहार में शामिल चार आतंकवादियों को फांसी दे दी। माना जाता है कि हमले का मास्टरमाइंड उमर खोरासानी को 18 अक्टूबर 2017 को पूर्वी अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमले में मारा गया था। 
 

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TTP ने बताया, स्कूल को क्यों निशाना बनाया
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने हमले की जिम्मेदारी ली। TTP के प्रवक्ता मुहम्मद उमर खुरासानी ने कहा कि हमने स्कूल को निशाना बनाया क्योंकि सेना ने हमारे परिवारों को निशाना बनाया। हम चाहते हैं कि वे हमारे दर्द को महसूस करें। हमारे लड़ाके आर्मी स्कूल में थे और हम उन्हें बाहर से निर्देश दे रहे थे।

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