काबुल. सरकार के गठन के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में तलिबान (Taliban) ने साफ कर दिया कि वह अफगानिस्तान में शरीयत या इस्लामी कानून के तहत ही शासन करेगा। कोई भी मामला होगा उसे शरिया कानून के हिसाब से ही निपटाया जाएगा। मीडिया और महिलाओं के अधिकारों को मुद्दों को इस्लामी कानून के दायरे में ही छूट दी जाएगी। महिलाओं के लिए शरिया कानून के क्या मतलब है?