Tourism Day Special : भारत की 5 अननोन ट्रेवल डेस्टिनेशन, जहां जीवन में एक बार जाना तो बनता है

ट्रेंडिंग डेस्क. 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day 2023) मनाया जाएगा। इस मौके पर हम टूरिज्म स्पेशल सीरीज के तहत आपको बताने जा रहे हैं देश की पांच ऐसी ट्रेवल डेस्टिनेशन के बारे में जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। ये ऐसी ट्रेवल डेस्टिनेशन हैं जिनके बारे में जानकर आपको भी लगेगा कि जीवन में एक बार तो यहां जाना बनता है। सबसे खास बात ये है कि देश की ट्रेवल डेस्टिनेशंस के मुकाबले यहां कम भीड़भाड़ भी होती है, जिसकी वजह से आप कम बजट में भी यहां सुकून के पल बिता सकते हैं। अगली 5 स्लाइड्स में जानें इनके बारे में...

 

Piyush Singh Rajput | Published : Jan 18, 2023 6:26 PM IST / Updated: Jan 19 2023, 10:42 AM IST

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Tourism Day Special : भारत की 5 अननोन ट्रेवल डेस्टिनेशन, जहां जीवन में एक बार जाना तो बनता है

कांताल हिल स्टेशन, उत्तराखंड

कांताल हिल स्टेशन उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है लेकिन कम ही लोग इसके बारे में जानते हैं। इसी वजह से यहां कम भीड़भाड़ होती है और आप अपने परिवार या पार्टन के साथ यहां बर्फीली वादियों के बीच सुकून के पल बिता सकते हैं। कानाताल समुद्र तल से 8500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां आपको ऐसा लगेगा कि आप बादलों के बीच रह रहे हैं।

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मौलिन्नोंग, मेघालय

मौलिन्नोंग (Mawlynnong) भारत के मेघालय राज्य की खासी हिल्स जिले में स्थित एक गांव है। लेकिन यहां की खूबसूरती और स्वच्छता देखने लायक है। हरियाली से घिरा रहने वाला ये गांव इतना साफ है कि इसे 'भगवान का बगीचा' भी कहा जाता है। इसे एशिया का सबसे साफ गांव होने  का अवॉर्ड भी मिल चुका है पर बहुत कम लोग जानते हैं कि ये एक ट्रेवल डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहां लकड़ियों औ जड़ों से बने घर व पुल आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे।

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जवाई हिल्स, राजस्थान

जवाई हिल्स राजस्थान के पाली जिले में जवाई बांध, घास के मैदान और पहाड़ियों से घिरा एक खूबसूरत इलाका है। यहां की प्राकृतिक गुफाएं कई तेंदुए और वन्य जीवों का घर है। यहां आप रोमांचक सफारी का मजा ले सकते हैं। ये जगह वन्य प्रेमियों व फोटोग्राफर्स को खासा आकर्षित करती है।

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गुरेज वैली, कश्मीर

अक्सर कश्मीर का नाम आने पर लोग श्रीनगर, गलमर्ग व सोनमर्ग ही समझते हैं पर कश्मीर की गुरेज वैली जन्नत का एक अहम हिस्सा है, जिसके बारे में लोगों ने कम ही सुना होगा। गुरेज वैली श्रीनगर से लगभग 123 किलोमीटर की दूरी पर है। चारों तरफ से बर्फ से ढंकी रहने वाली ये घाटी समुद्र तल से 8,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये घाटी साल में 6 महीने ही आने-जाने के लिए खुली होती है क्योंकि बाकी वक्त यहां बर्फ होती है। यहां श्रीनगर की तरह होटल व बाजार नहीं है इसलिए कैम्पिंग और नेचर लवर्स यहां आ सकते हैं।

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अरुणाचल प्रदेश के डामरो को छिपी हुई जन्नत कहा जाता है। यहां बना लकड़ी और बांस का हैंगिंग ब्रिज अपनी तरह का सबसे बड़ा हैंगिंग ब्रिज है। 1000 फीट लंबा बांस का ये पुल किसी अजूबे से कम नहीं है। इसके अलावा यहां के जंगल, नदियां और बांस से बने घर और लोगों का रहन सहन आप देखते रह जाएंगे। नेचर लवर्स के लिए ये जगह जन्नत से कम नहीं है।

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