ट्रेंडिंग डेस्क। World Elephant Day 2022: दुनियाभर में अफ्रीकन और एशियाई हाथियों की स्थिति सुधारने, उन्हें संरक्षित करने, शिकार पर रोक लगाने और उनका बेहतर ख्याल रखने के लिए लोगों को जागरूक करने के ममकसद से हर साल 12 अगस्त यानी आज के दिन वर्ल्ड एलिफेंट डे (World Elephant Day) मनाया जाता है। यह खास दिन वर्ष 2012 से शुरू किया गया था और अब तक जारी है। वैसे, बता दें कि हाथियों की गणना देश में पहली बार वर्ष 2017 में शुरू हुई। यह जानना जरूरी है हाथी वह जानवर है, जो दूसरे वन्यजीवों के साथ-साथ वनों की पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में अहम रोल अदा करते हैं। आइए तस्वीरों के जरिए हाथियों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानते हैं।
अभी हाथी की तीन अलग-अलग प्रजाति होती है। अफ्रीकी सवाना हाथी, अफ्रीकी वन हाथी और एशियाई हाथी। पांच करोड़ साल पहले तक हाथी की 170 प्रजातियां थीं।
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हाथी पृथ्वी का सबसे संवेदनशील प्राणी है। विभिन्न रिसर्च में दावा तो यहां तक किया गया है कि यह इंसानों से भी ज्यादा समझदार और बुद्धिमान होता है।
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भारत में सबसे अधिक हाथी कर्नाटक में हैं। यहां इनकी संख्या करीब छह हजार दर्ज की गई है। जबकि दुनिया में सबसे अधिक बोत्सवाना में मिलते हैं।
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धरती यानी भूमि पर रहने वाला दुनिया का सबसे बड़ा स्तनपायी प्राणी अफ्रीकी हाथी है। नर हाथी की औसतन ऊंचाई तीन मीटर तक हो सकती है।
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अफ्रीकी नर हाथी का वजन चार हजार से साढ़े हजार किलोग्राम तक हो सकता है, जबकि एशियाई हाथी की लंबाई औसतन पौने तीन मीटर तक हो सकती है और वजन तीन हजार से छह हजार किलोग्राम तक हो सकता है।
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जन्म के समय हाथी का वजन करीब 120 किलोग्राम तक हो सकता है। उनकी औसत उम्र 70 वर्ष तक होती है, जबकि ज्यादा से ज्यादा वे सौ साल तक जीवीत रह सकते हैं।
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हाथी घने जंगलों में रहना पसंद करते हैं और जंगलों में रास्ता बनाते हैं, जिसका उपयोग दूसरे जानवर भी करते हैं। हाथी खाने का शौकीन होता है। रोज 16 घंटे तक खाता रहता है।
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हाथी एक दिन में 80 गैलन तक पानी पी सकता है। कीचड़ में रहना और पानी से खेलना इसका प्रिय शगल है। कीचड़ इसके लिए सनस्क्रीन का काम करता है।
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हाथी के बच्चे सूंड को अपनी मुंह में चूसते हैं। यह करीब-करीब ठीक वैसा ही है, जैसे इंसान के छोटे बच्चे अपनी अंगुली या अंगूठा चूसते हैं।
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हाथियों को रोज डेढ़ सौ किलोग्राम तक भोजन की आवश्यकता होती है। यह जरूरत वे घास, पौधे, फल आदि खाकर पूरी करते हैं।