पांच घंटे मेकअप कराने के बाद अरविंद त्रिवेदी बनते थे रावण, पहनना पड़ा था 10 किलो का मुकुट

मुंबई. देशभर में लॉकडाउन के चलते सभी लोग घरों में कैद में है। लोगों के मनोरंजन के लिए इन दिनों टीवी पर 90 के दशक के शोज को प्रसारित किया जा रहा है। रामायण और महाभारत सीरियल इन दिनों लोगों को खासा पसंद आ रहा है। आज आपको रामायण से जुड़ा किस्सा बताने जा रहे हैं। रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी ने शो से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से शेयर किए हैं। अरविंद फिलहाल 80 साल के हैं और इन दिनों नियमित रूप से टीवी पर रामायण देखते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 22, 2020 7:50 AM IST / Updated: Apr 24 2020, 09:58 AM IST

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पांच घंटे मेकअप कराने के बाद अरविंद त्रिवेदी बनते थे रावण, पहनना पड़ा था 10 किलो का मुकुट

रामायण में रावण का रोल प्ले करने वाले एक्टर अरविंद त्रिवेदी की पॉपुलैरिटी फिर बढ़ गई है। लॉकडाउन में रामायण का री-टेलिकास्ट किया जा रहा है। दूरदर्शन के इस सुपरहिट सीरियल में काम करने वाले सभी कैरेक्टर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं।

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अरविंद ने एक इंटरव्यू में बताया- रावण के मेकअप में बहुत समय लगता था। इसमें पूरे 5 घंटे लगते थे। 10 किलो का तो उनका मुकुट था और बाकी ज्वैलरी भी वजनदार थी। वे शूटिंग शुरू करने से पहले राम जी  और शिवजी की आराधना करते थे। वे ऐसा इसलिए करते थे ताकि कहीं शूटिंग के वक्त डायलॉग बोलते समय अगर उनके मुंह से भगवान की बुराई निकल जाए तो वे उन्हें माफ करे दें।

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रामायण की शूटिंग के दिनों को याद करते हुए अरविंद ने बताया- "मैं असल जिंदगी में भी राम और शिव भक्त हूं, इसलिए जब भी शूटिंग पर जाया करता तो पूरा दिन उपवास रखता क्योंकि मुझे इस बात का दुख होता कि दी हुई स्क्रिप्ट के हिसाब से मुझे श्रीराम को उल्टे-सीधे शब्द बोलने होते थे। शूटिंग खत्म होने के बाद कपड़े बदलकर रात को अपना उपवास खोलता था।"

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अरविंद ने एक इंटरव्यू में बताया कि रामानंद सागर ने उनकी एक्टिंग को इससे पहले कुछ गुजराती फिल्मों में देखा था। इस वजह से उन्होंने मुझे इस रोल के लिए तुरंत सिलेक्ट कर लिया था।

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अरविंद इस रोल से जुड़ा किस्सा शेयर करते हुए कहा था- मेरी इच्छा सीरियल में केवट का रोल करने की थी। इसलिए मैंने रामानंद सागर से इस किरदार को करने की गुजारिश की थी। वो इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने को कहा। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी। इसके बाद थोड़ी देर के लिए सन्नाटा पसर गया।

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अरविंद ने कहा था- जब मैं स्क्रिप्ट वापस देकर जाने लगा तो रामानंद सागर ने रोककर बोला कि उन्हें अपना लंकेश मिल गया। उनकी इस बात को सुनकर मैं हैरान हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने कोई डायलॉग ही नहीं पढ़ा था।

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अरविंद ने बताया था कि जब मैंने रामानंद सागर से कहा कि मैंने कोई डायलॉग ही नहीं पढ़ा। जवाब में उन्होंने कहा- वो मेरी चाल ढाल देखकर समझ गए थे कि वही उनके रावण बनने योग्य है। उन्हें रामायण के लिए ऐसा रावण चाहिए जिसमें बुद्धि-बल हो और मुख पर तेज हो।

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