Published : May 14, 2020, 01:16 PM ISTUpdated : May 14, 2020, 02:08 PM IST
लखनऊ (Uttar Pradesh) । अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ एक के बाद एक अच्छा निर्णय ले रहे हैं। लेकिन, सीएम का एक काम कर्मचारियों को पसंद नहीं आ रहा है। दरअसल लॉकडाउन की मार सरकारी कर्मचारियों पर भी पड़ रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में होने वाली बढ़ोतरी को रोक दिया था। अब करीब 16 लाख सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 5000 रुपये तक की कमी हो सकती है। फिलहाल सरकार ने अपने कर्मचारियों को मिलने वाले 6 भत्तों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
यूपी सरकार ने करीब 16 लाख कर्मचारियों को मिलने वाले 6 भत्तों को खत्म कर दिया है। अपर मुख्य सचिव (वित्त) संजीव मित्तल ने इसका आदेश जारी कर दिया। इन भत्तों के खत्म होने से कर्मचारियों के वेतन में दो हजार से 5 हजार रुपये की कमी आएगी।
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जारी किए गए शासनादेशों में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार के राजस्व में आई कमी और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए उन भत्तों को समाप्त करने का फैसला किया गया है।
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केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया है, लेकिन राज्य सरकार अब तक अपने कर्मचारियों को दे रही थी। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ गई है। खबर है कि कर्मचारी संगठन आंदोलन की तैयारी करने में जुट गए हैं।
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पहले स्थगित किया गया था भत्ता 24 अप्रैल को राज्य सरकार ने 6 भत्तों को 31 मार्च, 2021 तक स्थगित करने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार का अनुमान था कि इन भत्तों को खत्म करने से हर साल राज्य सरकार के खजाने पर 24000 करोड़ रुपये का कम बोझ आएगा।
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सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा कि कोरोना महामारी के नाम पर कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है।
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केंद्र सरकार में दिए जा रहे भत्तों की समानता तो आज तक नहीं दी गई। सचिवालय कर्मचारी संघ प्रदेश के अन्य संगठनों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर विचार करेगा।