CAA को लेकर हुआ एक तीखा सवाल, जर्नलिस्ट पर ही भड़क गए अखिलेश यादव
लखनऊ (Uttar Pradesh). नागरिकता कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। यूपी में दिसंबर 2019 में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद अब महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया है। इस दौरान विपक्ष के बड़े बड़े नेता सीएए और एनआरसी के खिलाफ सड़कों पर उतरे लेकिन सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव कहीं भी प्रदर्शन के दौरान सड़क पर नहीं दिखे। एक न्यूज एजेंसी ने जब इसपर अखिलेश से सवाल पूछा तो वे नाराज हो गए। मीडियाकर्मी पर ही आरोप लगाने लगे। हम आपको उस इंटरव्यू में पूछे गए सवाल और अखिलेश के जवाब के बारे में बताने जा रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Jan 22, 2020 1:01 PM IST / Updated: Jan 22 2020, 06:37 PM IST
सवाल: पूरे देश में नागरिकता कानून के विरोध में लोग सड़कों पर उतरे, इस आंदोलन के नेतृत्व में अखिलेश कहां थे? जवाब: बड़ा अच्छा सवाल किया। आज की राजनीति में प्रेस में रहना भी जरूरी है, बहुत पुरानी कहावत है जंगल में मोर नाचा किसने देखा। बीजेपी का पूरा नेतृत्व लोगों को ये समझाने लगा है कि सीएए और एनआरसी उनके खिलाफ नहीं है। लेकिन पूरा देश और दुनिया में दिख रहा है लोग इसके खिलाफ है।
सवाल: युवा और छात्रों जो सीएए का प्रोटेस्ट कर रहे थे, उसमें आप कहां थे? जवाब: ये हर भारतीय का प्रोटेस्ट था। समाजवादी पार्टी ने तय किया था कि हमारे विधायक विधानसभा में इसका विरोध करेंगे। विधानसभा में हमारे नेतृत्व ने विरोध किया।
सवाल: आप सड़कों पर क्यों नहीं उतरे? जवाब: लखनऊ में सबसे पहले लाठी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खाई। जहां तक रही मेरी बात तो 19 दिसंबर 2019 को मैं लखनऊ से लखीमपुर तक धारा 144 तोड़ते हुए गया, लेकिन मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। मैं सीतापुर में अपने कार्यकर्ताओं से मिलना चाहता था, लेकिन रेलवे का फाटक गिरा मुझे रोकने की कोशिश की गई।
सवाल: आप युवा नेता हैं, युवाओं का चेहरा माने जाते हैं, देश के युवा सीएए के खिलाफ बाहर निकले लेकिन आप? जवाब: आप अपनी बात को वापस लीजिए। इसलिए वापस लीजिए क्योंकि पूरे देश की जनता नाराज है इससे। भारी संख्या में लोग बाहर निकले हैं। लेकिन सबसे ज्यादा आंदोलन समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने किए। सबसे ज्यादा मुकदमे भी सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज हुए। पूरी पार्टी सड़कों पर थी।
सवाल: जब एक चेहरा सामने आता है तो विरोध करने वाले को हिम्मत मिलती है, तो आप? जवाब: समाजवादी पार्टी और हमारा विरोध इसी तरह से है। हम लगातार विरोध कर रहे हैं।
सवाल: अगर आरोप है कि बीजेपी ने ध्रुवीकरण करके वोट लिए, तो क्या इसलिए आप खुलकर सीएए के विरोध में सामने नहीं आ रहे? जवाब: सपा लगातार हर जगह सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही है। देश को गुमराह करने की जिम्मेदारी अगर बीजेपी ने ली है तो कुछ मीडिया वालों ने भी ली। बीजेपी की जान टीवी में है। मैं निवेदन करता हूं कि उन लोगों को भी दिखाइए जो तकलीफ में हैं।
सवाल: बीजेपी की जान टीवी में हैं तो प्रियंका गांधी उसपर क्यों दिखाई दे रही हैं? जवाब: प्रियंका ने बहुत अच्छा किया कि वो स्कूटी पर हैं। लेकिन कांग्रेस को ऐसा नहीं कहना चाहिए कि सपा डरती है। सपा बीजेपी का मुकाबला कर रही है। जातिय जनगणना जरूरी है।
सवाल: तो क्या अखिलेश सड़क पर सिर्फ इसलिए नहीं उतरे क्योंकि हिंदू मुस्लिम के वोट में बैलेंस रखा जा सके? जवाब: आप मेरे नाम से हिंदू मुसलमान की खाई क्यों पैदा करना चाहते हैं। हमारे काम करने का तरीका यही है। क्योंकि हम लड़ाई में कामयाब होना चाहते हैं।
सवाल: आप मारे गए लोगों के घर तो गए लेकिन विरोध कर रहे लोगों के बीच क्यों नहीं गए? जवाब: आप उलझाइए नहीं इस इंटरव्यू को। मैं जानता हूं आप किसी का पक्ष लेने आए हैं। आप किसी का पक्ष नहीं ले सकते।
सवाल: आप सड़क पर क्यों नहीं विरोध करते दिखे? जवाब: आप तय नहीं कर सकते मुझे क्या करना है। यह हमारी स्ट्रेजी है। आप अपने एजेंडे के साथ काम मत करिए। आपने चार बार मुझसे ये सवाल पूछा।
सवाल: पार्टी नहीं आप कहीं क्यों नहीं दिखाई दिए? जवाब: मैं बीजेपी को हराना चाहता हूं। जब तक बीजेपी लोकसभा और राज्यसभा में कम नहीं होगी तब तक हम जीत नहीं सकते। तब तक ये कानून भी वापस नहीं होगा।
सवाल: आप यूपी में बीजेपी को हराने के लिए क्या कर रहे हैं? जवाब: मैं जरूरी नहीं समझता कि अपनी स्ट्रैजी आपको बताउं।