MiG-21 Crash: शहीद अभिनव ने एक रुपया लेकर की थी शादी, 12 साल की उम्र में ठान लिया था पायलट ही बनूंगा


मोगा (पंजाब). मोगा में गुरुवार देर रात मोगा में भारतीय वायु सेना का मिग-21 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। इस हादसे में प्लेन उड़ा रहे स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी मौत हो गई। पायलट के परिवार में मातम पसरा हुआ है, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं उनके  जानने वाले घटना पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं। 17 महीने पहले ही पायलट की शादी हुई थी। वह अपनी शादी को लेकर काफी चर्चा में आए थे। क्योंकि उन्होंने सगुन में 1 रुपए में लेकर सगाई की थी। वह दहेश के सख्त खिलाफ थे। उनका मानना था कि दो परिवारों जोड़ने वाले इस रिश्ते में पैसा बीच में नहीं आना चाहिए। 

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2021 8:57 AM IST / Updated: May 21 2021, 02:36 PM IST
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MiG-21 Crash: शहीद अभिनव ने एक रुपया लेकर की थी शादी, 12 साल की उम्र में ठान लिया था पायलट ही बनूंगा


शहीद अभिनव चौधरी मूल रूप से यूपी के बागपत के रहने वाले थे। पुसार गांव में उनके किसान सतेंद्र चौधरी परिवार के साथ रहते हैं। पायलट के परिवार में माता-पिता, पत्नी और एक भाई के अलावा दो बहनें हैं।  25 दिसंबर 2019 को अभिनव की शादी मेरठ में एक प्रधानाध्‍यापक की बेटी सोनिका उज्जवल के साथ हुई थी। 
(अपनी बहनों के साथ अभिनव।)

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अभिनव के परिवार ने पूरे समाज को एक सकारात्मक संदेश देकर दहेज के खिलाफ जाकर यह शादी की थी। पायलट ने रस्म के दौरान लड़की पक्ष से भेंट किए गए लाखों रुपए वापस लौटा दिए थे। शहीद की पत्नी सोनिका उज्जवल ने फ्रांस में मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई की हुई है। अभी सोनिका ने जिंदगी के हसीन सपने देख ही रही थी कि यह हादसा हो गया। (अपनी के दौरान अभिनव।)

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बता दें कि शहीद अभिनव ने आरआईएमसी देहरादून से 12 तक की पढ़ाई की है। इसके बाद उनका सिलेक्शन एनडीए में हो गया था। पुणे में तीन साल के बाद हैदराबाद के एएफए में वायुसेना की ट्रेनिंग पूरी की। अभिनव चौधरी इन दिनों पठानकोट एयरबेस में तैनात थे। 2014 में अभिनव ने एयरफोर्स जॉइन की थी। 
(अपनी़ शादी में अभिनव।)

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शहीद के पिता ने बताया कि अभिनव बचपन से ही  एनडीए में जाना चाहता था। उसने सातवीं क्लास में ही तय कर लिया था कि वह बढ़ा होकर पायलट बनेगा। इसलिए हमने भी उसका सपना पूरा करने पढ़ाई के लिए देहरादून भेज दिया था।
 

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बता दें कि अभिनव 6 दिन पहले 15 मई को छुट्टी पर मेरठ आने वाले थे। लेकिन पिता ने कह दिया था कि अभी कोरोना के दौर में आपकी जरूरत देश को ज्यादा है। इसलिए तुम देश की सेवा करो। जब कोरोना कम हो जाएगा तो घर आ जाना। अभिनव सितंबर 2020 में आखिरी बार मेरठ आए। (अभिनव के पिता सत्येंद्र चौधरी।)

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