सनातन धर्म की परंपरा है कि गर्मी के मौसम में भगवान को फूलों की झांकी से सजाया जाता है। लेकिन, साल 1992 के बाद राम जन्मभूमि परिसर में भगवान के हर उत्सव और सेवा भोग आादि सबकुछ केंद्र सरकार के अधीन हो गया था, जिस पर रिसीवर नियुक्त था। ऐसे में एक निश्चित रकम और सुविधाएं ही रामलला को दी जाती थी।