आयोजित हो रही नौका दौड़ का उद्देश्य वाराणसी की सांस्कृतिक पहचान- यानी इसकी प्रसिद्ध 'नौका' या नावों को दुनिया के सामने लाना है। इसे के साथ में इसे उन्नत, समकालीन यात्रियों के लिए एक अनोखे साहसिक खेल के रूप में प्रस्तुत करना है। इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाली स्थानीय टीमों को गंगा वाहिनी, जल योद्धा, गंगा लहरी, गंगा पुत्र, काशी लहरी, नाविक सेना, नौका सवार, भागीरथी सेवक, घाट रक्षक, गौमुख दैत्य, काशी रक्षक और जल सेना का नाम दिया गया है। विशेषज्ञों के द्वारा इसको लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।