यूपी में योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी बीजेपी, इस कारण विधानसभा चुनावों में मोदी को चेहरा नहीं बना रहा संघ

नई दिल्ली/लखनऊ । यूपी सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दिल्ली में हुई बैठक में  इसका खाका भी लगभग तैयार कर लिया गया है। जिसके मुताबिक साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ने का फैसला लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माना जा सकता है कि यूपी और दूसरे पांच राज्यों में भी होने वाले चुनावों में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेहरा नहीं होंगे। क्योंकि, पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में ममता बनाम मोदी की रणनीति से नुकसान हुआ। साथ ही क्षेत्रीय नेताओं के मुकाबले प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को सामने रखने से उनकी छवि को नुकसान हुआ है। विरोधी बेवजह उन्हें निशाना बनाते हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 8, 2021 7:07 AM IST
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यूपी में योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी बीजेपी, इस कारण विधानसभा चुनावों में मोदी को चेहरा नहीं बना रहा संघ

विरोधियों को नहीं देना चाहते हमला का मौका
संघ का मानना है कि चुनाव हारने से ज्यादा अहम यह है कि राजनीतिक विरोधियों को प्रधानमंत्री मोदी पर बार-बार हमला करने का मौका मिला। बिहार में 2015 के विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार के खिलाफ और फिर दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी इस रणनीति से कोई फायदा नहीं हुआ था।
(फाइल फोटो)

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..तो इस कारण पश्चिम बंगाल में मिला झटका
संघ की मीटिंग इस बात पर भी चर्चा हुई कि पश्चिम बंगाल पीएम नरेंद्र मोदी की छवि मुसलमान विरोधी बनाने की रणनीति सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस ने अपनाई। जिसका असर भी चुनाव परिणाम देखने को मिला, क्योंकि इससे मुसलमान वोटर एकजुट हो गए और 70% से ज्यादा मुसलमानों ने तृणमूल कांग्रेस को वोट देकर चुनाव नतीजों को एकतरफा कर दिया।
(फाइल फोटो)

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सपा-कांग्रेस की रणनीति पर भी नजर
यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी को चेहरा बनाने पर सपा और कांग्रेस फिर से मुसलमानों को एकजुट करने में कामयाब हो सकती हैं। क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो मुसलमान 75 सीटों के चुनावी नतीजों पर असर डाल सकते हैं। 
(फाइल फोटो)

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पूर्वी यूपी में मुसलमान विरोधी नहीं है योगी की छवि
यूर्वी यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि मुसलमान विरोधी नहीं है और गोरखपुर के साथ जुड़े इलाकों में मुसलमानों और पिछड़ों में गोरखनाथ मंदिर पर भरोसा है। वजह सीएम बनने से पहले तक योगी आदित्यनाथ मंदिर के महंत के तौर पर स्थानीय मुसलमानों के विवाद मंदिर में बैठकर सुलझाते और उनकी मदद भी करते रहे हैं। 
(फाइल फोटो)

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इस बार मुस्लिम चेहरों को भी मिल सकता है टिकट
पिछले चुनाव में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था। जबकि इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारने का मन बना रही है। ताकि उसकी मुस्लिम विरोधी छवि बनाने का मौका विरोधियों को नहीं मिले। हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी को करना है।
(फाइल फोटो)

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