क्वारंटाइन सेंटर में पहुंची दुल्हन, दूल्हे के साथ लिए सात फेरे, अफसरों ने दिया उपहार

Published : May 21, 2020, 01:23 PM IST

औरैया (Uttar Pradesh) । ससुराल होने वाले गांव में ही लॉकडाउन के कारण युवती परिवार के साथ फंस गई। शादी की तिथि नजदीक आई तो होने वाला पति भी किसी तरह गांव पहुंचा, लेकिन वह क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया। इसी बीच दोनों पक्ष ने क्वारंटाइन सेंटर में ही शादी करने की अधिकारियों से अनुमति मांगी, जिन्होंने न सिर्फ सामान्य तरीके से शादी करने की अनुमति दी बल्कि, खुद भी पहुंचकर नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद और उपहार भी दिए।   

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क्वारंटाइन सेंटर में पहुंची दुल्हन, दूल्हे के साथ लिए सात फेरे, अफसरों ने दिया उपहार


दिल्ली के रहने वाले बाबूराम ने अपनी बेटी राधा की शादी 19 मई को अजीतमल के सिकरोड़ी गांव निवासी संतोष के बेटे श्रीकांत के साथ तय की। 

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22 मार्च को बेटी के साथ पक्के की रस्म करने संतोष कुमार के घर पहुंचे थे। जहां संतोष के बेटे श्रीकांत के साथ उनकी रस्म होनी थी। इसी बीच लॉकडाउन हो गया और बाबूराम बेटी और अपने परिवार के साथ इसी गांव में फंस गए।
 

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लड़की वालों ने सोचा था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद वापस दिल्ली जाकर शादी की तैयारियां करेंगे। लेकिन, लॉकडाउन बढ़ता गया। श्रीकांत भी बाहर नौकरी कर रहा था। उन लोगों को लगा कि अब शादी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ेगी। लेकिन, श्रीकांत मुंबई से लौट आया।
 

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श्रीकांत के लौटने के बाद उसे विद्या दीप पब्लिक स्कूल में 14 दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया गया। 19 मई की तारीख नजदीक आ रही थी। घरवालों ने प्रशासन से शादी के तय मुहूर्त में शादी करने की अनुमति मांगी तो अधिकारी राजी हो गए।
 

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तय तिथि पर एसडीएम रमेश यादव भी क्वारंटाइन सेंटर पहुंचे। यहां स्कूल के प्रबंधक सुधीर गुप्ता व प्रिंसिपल गोपाल डे भी मौजूद रहे। राधा और श्रीकांत ने एक दूसरे को माला डाली।

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एसडीएम ने बताया कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया। वर और वधू दोनों के मुंह पर मास्क लगा था।

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एसडीएम ने बताया कि इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। सभी ने दूर से वर-वधू को आशीर्वाद और उपहार दिए। दोनों ने एक दूसरे को जयमाला पहनाया और फिर फेरे भी लिए।

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